Faridabad/Alive News : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अजरौंदा में कौमी एकता दिवस के उपलक्ष में एक दिवसीय कार्यक्रम किया गया। जिसमें प्रसिद्ध शिक्षाविद् और समाजशास्त्री प्रो. एम.पी. सिंह ने छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को उद्बोधन करते हुए कहा की कौमी एकता का मतलब है अनेकता में एकता। हमारे आपसी मतभेद और मनभेद नहीं होने चाहिए। सिंह ने कहा कि जिन का जन्म भारत में होता है वह पहले भारतीय हैं बाद में हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई और पारसी हैं। हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए।
यदि किसी का जन्म गरीबी परिवार में हो जाता है या किसी कारण स व्यक्ति अपंग व असहाय हो जाता है तो उसमें उसका कोई दोष नहीं है। हमें उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए कभी भी जीव हत्या व हिंसा नहीं करनी चाहिए। दार्शनिक प्रो. एमपी सिंह ने कहा कि सुखद और शांति में जीवन के लिए हमेशा जनहित में कार्य करते रहना चाहिए। सर्वधर्म समभाव के लिए हमें तत्पर रहना चाहिए। देश की एकता और अखंडता समृद्धि के लिए हमें एकजुट हो जाना चाहिए। कौमी एकता सामाजिक और आर्थिक विकास की परिचायक है हमारा देश विभिन्न संस्कृतियों भाषाओं का आदेश है। उसके बावजूद भी राष्ट्रीय एकता के सूत्र में बंधे हुए हैं।
हमें अपने देश पर गर्व करना चाहिए और सभी धर्मों में संबंध है बनाए रखना चाहिए। आपसी तालमेल बिठाकर आपसी भाईचारे व प्यार को बढ़ाना चाहिए। हमें विश्व पटल पर कौमी एकता का परचम पर आना चाहिए। सिंह ने अपने अनुभव ज्ञान को विद्यार्थियों के बीच में रखते हुए कहा कि धर्म बाद और जातिवाद से दूर रहना चाहिए। सभी धर्मों का एक ही पैगाम होता है कौमी एकता जिंदाबाद इस अवसर पर विद्यालय के अध्यापक सुरेंद्र कुमार मदान, पूर्व प्राचार्य डॉ ए.के. उपाध्याय नारायण सिंह भड़ाना, प्रवक्ता गिर्राज सिंह, पूर्व प्रवक्ता मित्तल व प्रवीण कुमार मुख्य रूप से उपस्थित थे।
विद्यालय की प्राचार्य ब्रहम शक्ति दलाल ने डॉ एमपी सिंह का स्वागत करते हुए धन्यवाद कहा और आश्वस्त किया कि हम अपने विद्यालय में कौमी एकता पर कार्य करके एक अलग से संदेश समाज में प्रदान करेंगे। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।
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