Chandigarh/Atulya Loktantra : हरियाणा प्रदेश भर में चल रहे हजारों फर्जी स्कूलों के मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चल रहे मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान इस मामले में हरियाणा सरकार की ओर से एक शपथ पत्र देकर यह कहा गया कि आगामी शैक्षणिक सत्र 2019-20 में प्रदेशभर में कोई भी फर्जी स्कूल नहीं चलने दिया जाएगा। इससे पहले पिछली सुनवाई 12 नवंबर को हुई थी, जिसमें हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट से इस मामले में कुछ समय मांगा था, जिसके बाद अब सरकार की तरफ से गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के प्रति अपना रुख न्यायालय में शपथ पत्र देकर स्पष्ट कर दिया है।
वहीं 12 नवंबर को हुई सुनवाई में भी हाई कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी, जबकि सरकार बार-बार इस मामले में न्यायालय से समय की मांग करती रही। याचिकाकर्ता स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन की तरफ से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में 175 पेज का शपथ पत्र देकर प्रदेश भर में गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की संख्या करीबन चार हजार बताई थी। न्यायालय ने 25 जुलाई को हुई सुनवाई में हरियाणा सरकार की तरफ से एक शपथ पत्र देकर प्रदेश भर में गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की संख्या 1087 बताई थी।
इस पर याचिकाकर्ता संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने आपत्ति जताते हुए न्यायालय में सरकार द्वारा पेश आंकड़ों को भ्रामक करार देते हुए प्रदेशभर में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की संख्या चार हजार के करीब बताई थी। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने बताया कि नौ सितंबर 2017 को उनके संगठन ने प्रदेशभर में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जनहित याचिका डाली थी, जिस पर न्यायालय ने लगातार सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए और कड़ी फटकार भी लगाई। पिछली सुनवाई के दौरान गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के जो आंकड़े सरकार ने न्यायालय में पेश किए, वे भ्रामक थे, जिन्हें संगठन ने चुनौती दी थी।
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