मौनी अमावस्या पर वाराणसी और अयोध्या में 40 लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं। काशी में बुधवार दोपहर तक करीब 30 लाख लोग पहुंच चुके थे। गंगा स्नान के लिए सबसे ज्यादा श्रद्धालु अस्सी घाट, तुलसी घाट, केदारघाटी, दशाश्वमेध, राजघाट पर हैं। सभी घाटों पर बैरिकेडिंग की गई है।
गंगा स्नान के लिए झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, मध्य प्रदेश, दक्षिण भारत और अन्य राज्यों से लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। वहीं कैंट रेलवे स्टेशन पर ढाई लाख से अधिक श्रद्धालु मौजूद हैं। ट्रेनों में चढ़ने के लिए उन्हें जद्दोजहद करनी पड़ रही है। वहीं अयोध्या में 10 लाख श्रद्धालु स्नान करने को पहुंचे हैं। यहां रैपिड एक्शन फोर्स तैनात है।
स्क्लेटर बंद कर दिए गए, बॉर्डर सील
वाराणसी से गुजरने वाली अधिकतर ट्रेनों से श्रद्धालु स्टेशन पर उतर गए। इसमें कई लोग ऐसे थे जो प्रयागराज जा रहे थे। गोरखपुर, बलिया और सीवान बिहार से आने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हुईं हैं। ट्रेन के शौचालय तक में लोग बैठे हुए हैं। हालात ऐसे हैं कि परिवार के कुछ सदस्य ट्रेन में घुस गए, लेकिन अन्य सदस्य छूट गए। यहां आरपीएफ, जीआरपी के जवान मुस्तैद हैं। सभी 9 प्लेटफार्म पर लगे स्क्लेटर बंद कर दिए गए हैं। कैंट स्टेशन को खाली कराया जा रहा है।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन काशी में 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। मौजूदा समय में 25-30 लाख श्रद्धालु काशी पहुंचे हैं। भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 5000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर जाने वाले VIP रूट बंद कर दिए गए हैं। साथ ही, वाराणसी के बॉर्डर को सील कर दिया गया है।