केरल के वायनाड के लैंडस्लाइड प्रभावित इलाकों से रिकवर की गई 401 बॉडी और अंगों का मंगलवार तक DNA टेस्ट किया जा चुका है। वायनाड में 30 जुलाई को कई लैंडस्लाइड्स आई थीं, जिनमें 400 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
सेना, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप, फायर एंड रेस्क्यू सर्विस और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट समेत कई वॉलंटियर्स ने 349 बॉडी पार्ट रिकवर किए थे। DNA टेस्ट के बाद पता चला है कि ये अंग 248 लोगों के थे। इनमें से 121 पुरुष और 127 महिलाएं थीं।
वायनाड में 29-30 जुलाई देर रात 2 बजे और 4 बजे के करीब मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में लैंडस्लाइड हुई थीं। इनमें घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां बह गईं।
52 बॉडी पार्ट्स का आगे और टेस्ट होगा
केरल के रिवेन्यू मिनिस्टर के. राजन के मुताबिक 52 बॉडी पार्ट्स का आगे और भी टेस्ट किया जाएगा, क्योंकि ये अंग सड़ गए थे। उन्होंने बताया कि 115 लोगों से ब्लड सैंपल इकट्ठा किए गए हैं। बिहार के रहने वाले तीन मृतकों के रिश्तेदारों का ब्लड सैंपल मिल गया है।
के. राजन ने कहा कि अस्थायी पुनर्स्थापना के लिए हैरिसन मलयालम लेबर यूनियन से उन 53 घरों की सुरक्षा और प्रबंधन के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है जो लोगों को दिए जाने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा और भी तैयार किए जाएंगे।
मंगलवार को नीलांबर इलाके में मिले 3 बॉडी पार्ट्स
केरल के वन मंत्री एके ससींद्रन ने वायनाड के हालात के बारे में कहा कि नीलांबर इलाके में तीन और बॉडी पार्ट्स पाए गए हैं। अब तक 231 बॉडी और करीब 206 बॉडी पार्ट्स मिले हैं। फिलहाल यहां 12 कैंप में 1505 लोग रह रहे हैं और 415 सैंपल्स को DNA टेस्ट के लिए भेजा गया है।
मंगलवार को भी नीलांबर-वायनाड के इलाकों में मंगलवार को सर्च जारी रही। NDRF, फायर डिपार्टमेंट, नागरिक सुरक्षा, पुलिस और वन विभाग और वॉलंटियर्स भी सर्च में शामिल रहे। मंगलवार को 260 वॉलंटियर्स ने मुंडकाई-चूरलमाला आपादा प्रभावित इलाकों में तलाशी अभियान में भाग लिया।
5 साल पहले भी लैंडस्लाइड से 17 मौतें हुई थीं
वायनाड के 4 गांव मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की घटना हुई है। 5 साल पहले 2019 में भी भारी बारिश की वजह से इन्हीं गांवों में लैंडस्लाइड हुई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। 5 लोगों का आज तक पता नहीं चला। 52 घर तबाह हुए थे।
वायनाड में लैंडस्लाइड की क्या वजह है
वायनाड, केरल के नॉर्थ-ईस्ट में है। यह केरल का एकमात्र पठारी इलाका है। यानी मिट्टी, पत्थर और उसके ऊपर उगे पेड़-पौधों के ऊंचे-नीचे टीलों वाला इलाका। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल का 43% इलाका लैंडस्लाइड प्रभावित है। वायनाड की 51% जमीन पर पहाड़ी ढलाने हैं। यानी लैंडस्लाइड की संभावना बहुत ज्यादा बनी रहती है।
वायनाड का पठार वेस्टर्न घाट में 700 से 2100 मीटर की ऊंचाई पर है। मानसून की अरब सागर वाली ब्रांच देश के वेस्टर्न घाट से टकराकर ऊपर उठती है, इसलिए इस इलाके में मानसून सीजन में बहुत ज्यादा बारिश होती है। वायनाड में काबिनी नदी है। इसकी सहायक नदी मनंतावडी ‘थोंडारमुडी’ चोटी से निकलती है। लैंडस्लाइड के कारण इसी नदी में बाढ़ आने से भारी नुकसान हुआ।