हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच गठबंधन लगभग तय हो गया है। हालांकि अभी इसका औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है। शनिवार देर रात कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के बीच मीटिंग हुई।
दोनों पार्टियां कल, 9 सितंबर को जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गठबंधन का ऐलान कर सकती हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने AAP को 4+1 फॉर्मूला यानी 5 सीट का ऑफर दिया है।
लोकसभा चुनाव में AAP-कांग्रेस के जॉइंट कैंडिडेट डॉ. सुशील गुप्ता ने कुरुक्षेत्र सीट से चुनाव लड़ा था। इस सीट के अंतर्गत 11 विधानसभा आती हैं। गुप्ता यह चुनाव तो नहीं जीत पाए, लेकिन उन्होंने इस सीट के अंतर्गत आने वाली 4 सीट (गुहला चीका, पिहोवा, शाहाबाद और कलायत) पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस यह चारों सीट AAP को दे सकती है।
7 सितंबर को AAP के राष्ट्रीय सचिव और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा था कि हरियाणा चुनाव में पार्टी पूरी ताकत से 90 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। हमें बस पार्टी के आदेश का इंतजार है। वो जैसे ही निर्देश देंगे, हम सब कुछ बता देंगे। हम सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। जो हमें कमजोर समझ रहे हैं, भविष्य में उन्हें पछतावा होगा।
राहुल गांधी ने बनाया गठबंधन का प्लान
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से गठबंधन की पहल की गई थी। राहुल ने AAP से बातचीत के लिए 4 सदस्यों की कमेटी बनाई। इसमें पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के अलावा पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान को भी रखा गया।
गठबंधन फॉर्मूले के तहत कांग्रेस AAP को 5 और सीपीआई, सीपीएम, सपा और NCP को एक-एक सीट देने को राजी है। हालांकि सपा हरियाणा चुनाव से किनारा कर गई है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव साधना चाह रही कांग्रेस
हरियाणा के जरिए राहुल गांधी अगले साल 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव को भी साधना चाहते हैं। दिल्ली में कांग्रेस ने 1998 से लेकर 2013 तक सरकार बनाई। इसके बाद 2013 और 2015 में हुए चुनाव में कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई। अगर हरियाणा में दोनों पार्टियों का गठबंधन हो जाता है तो कांग्रेस दिल्ली में गठबंधन का दबाव बना सकती है।