बदलापुर यौन शोषण केस को लेकर महाविकास अघाड़ी शनिवार को विरोध प्रदर्शन कर रही है। NCP(SCP) के चीफ शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले पुणे में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने हाथ पर काली पट्टी भी बांधी हैं।
मुंबई में प्रदर्शन के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा- जब सरकार को लगा कि महाराष्ट्र बंद रहेगा तो उन्होंने अपने समर्थकों को कोर्ट में भेज दिया। हमारा मामला पिछले 2 साल से सुप्रीम कोर्ट में है।
हमें तो तारीख पर तारीख मिलती है। कल कोर्ट ने दिखा दिया कि कोर्ट इतनी जल्दी फैसला ले सकता है। कोर्ट ने हमारे महाराष्ट्र बंद पर रोक लगाई, लेकिन कोर्ट हमारी आवाज नहीं रोक सकती।
दरअसल, MVA ने बदलापुर मामले को लेकर महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया था, लेकिन शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस बंद पर रोक लगा दी। इसके बाद MVA ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया।
ठाणे के बदलापुर के आदर्श स्कूल में 13 अगस्त को 2 बच्चियों के साथ यौन शोषण हुआ था। केस में पुलिस की लापरवाही की बात सामने आई थी, जिसे लेकर MVA ने महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया था।
उद्धव बोले- बहनों पर अत्याचार हुआ, ये लोग राखी बांध रहे
उद्धव ने प्रदर्शन के दौरान कहा- एक तरफ बहनों पर अत्याचार हो रहा है और दूसरी तरफ ये लोग राखी बांध रहे हैं। हमने जो शक्ति एक्ट बनाया था, उसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया है। मैं राष्ट्रपति से अपील करना चाहता हूं कि जो शक्ति एक्ट आपके ऑफिस में भेजा गया है, उस पर ध्यान दें उस कानून को लागू करवाएं।
संजय राउत बोले- हमारी आवाज यूक्रेन तक जाएगी, जहां PM घूम रहे
संजय राउत ने प्रदर्शन से पहले कहा- विरोध प्रदर्शन के जरिए हमारी आवाज यूक्रेन तक जाएगी, जहां PM मोदी घूम रहे हैं। PM वहां की समस्या के साथ जुड़े हुए हैं। हमारी महाराष्ट्र की मां-बच्चियों पर अत्याचार हो रहा है, इसलिए हमने बंद की घोषणा की थी, लेकिन कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते हैं।
सुप्रिया बोलीं- इतनी असंवेदनशील सरकार कभी नहीं देखी
शरद पवार की बेटी और NCP (SCP) सांसद सुप्रिया सले ने कहा- प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं। लोगों में पुलिस का कोई डर नहीं है। मैं सरकार की निंदा करता हूं। मैंने इतनी असंवेदनशील सरकार कभी नहीं देखी। जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, हम विरोध करना बंद नहीं करेंगे।
कांग्रेस बोली- अपराधियों में कोई डर नहीं बचा है
महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता विजय वेडट्टीवार ने कहा- राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं है। हम सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और महिलाओं के खिलाफ हो रही घटनाओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों के आंदोलन के बावजूद अगर राज्य में ऐसी घटनाएं हो रही हैं तो इससे पता चलता है कि राज्य में अपराध पर कोई नियंत्रण नहीं है। अपराधियों में कोई डर नहीं है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- बंद बुलाया तो कार्रवाई होगी
बॉम्बे हाई कोर्ट में शुक्रवार को जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की बेंच ने कहा- किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति को बंद बुलाने या करने की इजाजत नहीं है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
बेंच ने 2004 में बॉम्बे हाईकोर्ट के दिए गए फैसले का हवाल दिया। बेंच ने कहा- बंद पूरी तरह से गैरकानूनी है। किसी भी तरह का नुकसान होता है तो इसके लिए राजनीतिक दल जिम्मेदार होंगे। उन्हें नुकसान की भरपाई करनी होगी।
4 पॉइंट में समझिए बदलापुर यौन शोषण केस
घटना 12 और 13 अगस्त की है। आदर्श स्कूल में 23 साल के स्वीपर अक्षय शिंदे ने दोनों बच्चियों का यौन शोषण किया। इसके बाद दोनों लड़कियां स्कूल जाने से डर रही थीं। माता-पिता को संदेह हुआ। उन्होंने लड़की को भरोसे में लेकर पूछताछ की तो बात सामने आई।
एक पेरेंट ने उसी कक्षा की दूसरी लड़की के माता-पिता से संपर्क किया। जब डॉक्टर ने जांच की तो असल घटना सामने आई। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शुभदा शितोले ने पॉक्सो का मामला होने के बावजूद FIR दर्ज करने में टालमटोल की।बच्ची के माता-पिता ने सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से बदलापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
16 अगस्त शुक्रवार देर रात केस दर्ज किया। 17 अगस्त को आरोपी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी अक्षय 1 अगस्त को ही स्कूल में कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त हुआ था। बच्चियों के परिवार ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने FIR दर्ज करने में 12 घंटे से ज्यादा का वक्त लगाया था। पहले तो पुलिस शिकायत भी नहीं सुन रही थी।
20 अगस्त को घटना को लेकर पुलिस-प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। हजारों की भीड़ बदलापुर के लोकल ट्रेन के रेलवे ट्रैक पर उतर आई थी। 10 घंटे तक तोड़फोड़ और पुलिस पर पथराव किया था। करीब 17 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
राज्य बाल अधिकार आयोग की रिपोर्ट में स्कूल की कई खामियां सामने आईं
महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मामले को लेकर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी है। इनमें कई गंभीर मुद्दों को उठाया गया। इस रिपोर्ट की एक कॉपी सीएम शिंदे, डिप्टी सीएम फडणवीस और अजित पवार को भी दी जाएगी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि एक बच्ची के माता-पिता ने यौन शोषण के बारे में प्रिंसिपल को जानकारी दी थी। 14 अगस्त को प्रिंसिपल ने स्कूल मैनेजमेंट को घटना के बारे में बताया था। फिर भी दो दिन तक पेरेंट्स से बातचीत नहीं की गई।