चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग स्टूडेंट के रेप केस में शनिवार को मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस एस एम सुब्रमण्यम और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायण की वेकेशन बेंच ने 2 जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की।
कोर्ट ने कहा कि पुलिस की FIR में लिखा है कि पीड़ित ने ऐसे कपड़े पहने थे जिससे अपराध हो सके। इसके अलावा अन्य जो बातें लिखी हैं कि उसमें पीड़ित के सम्मान के अधिकार और निजता के अधिकार का उल्लंघन किया गया है। पुलिस को थोड़ा संवेदनशील होने की जरूरत है।
पीड़ित एक छात्रा है और उसकी उम्र केवल 19 साल है। क्या FIR दर्ज करने में पीड़ित की सहायता करना SHO का कर्तव्य नहीं है। FIR में ऐसी बातें लिखी हैं जैसी लड़के हॉस्टल में छुपकर पढ़ते हैं।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि क्या महिला अपने पसंद के कपड़े नहीं पहन सकती। या वह अकेले कहीं नहीं जा सकती। एक महिला को सामाजिक कलंक से ऊपर उठना चाहिए।
हाईकोर्ट ने FIR लीक होने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। बेंच ने कहा इससे पीड़ित को शर्मिंदा होना पड़ा। उसे और अधिक मानसिक पीड़ा हुई है। बेंच ने राज्य सरकार को इसके बदले पीड़ित को 25 लाख रुपए मुआवजा देने का भी आदेश दिया।
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि रेप केस की जांच के लिए SIT गठित की जाए। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम में तीन महिला IPS अधिकारी स्नेहा प्रिया, अयमान जमाल और एस बृंदा एसआईटी शामिल हों। हमें उम्मीद है कि एसआईटी टीम इस मामले को गंभीरता से लेगी और चार्जशीट दाखिल करेगी।
महिला आयोग ने जांच कमेटी बनाई, राज्यपाल भी यूनिवर्सिटी पहुंचे
राष्ट्रीय महिला आयोग ने चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी में रेप केस की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है। उधर राज्यपाल आरएन रवि भी शनिवार को घटना की जानकारी के लिए यूनिवर्सिटी पहुंचे थे।
23 दिसंबर की रात 8 बजे अन्ना यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग की सेकेंड ईयर स्टूडेंट के साथ रेप हुआ था। यूनिवर्सिटी कैंपस के पास ही राजभवन और IIT मद्रास है, जो हाई-सिक्योरिटी जोन में आता है।
पुलिस ने कैंपस में लगे CCTV फुटेज की जांच की और आरोपी ज्ञानशेखरन को गिरफ्तार कर लिया। वह यूनिवर्सिटी के पास ही बिरयानी की दुकान लगाता है।