हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने बुधवार देर शाम को 67 कैंडिडेट की लिस्ट जारी की थी। लिस्ट आते ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। कई पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर ही इस्तीफा दे दिया। वहीं, गुरुवार सुबह देश की चौथी सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने भी बगावत कर दी है। भाजपा से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
सावित्री जिंदल ने समर्थकों से कहा- मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं। मैं चुनाव न लड़ने के बारे में बोलने के लिए दिल्ली से वापस आई थी, लेकिन आपका प्यार और विश्वास देखकर मैं चुनाव लड़ूंगी। सावित्री मशहूर उद्योगपति और कुरूक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां हैं। हिसार सीट पर उनका मुकाबला भाजपा के मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से होगा।
भाजपा की बुधवार को जारी लिस्ट में हिसार से सावित्री जिंदल का नाम न देख उनके समर्थक गुरूवार सुबह जिंदल हाउस पहुंचकर गए। उन्होंने सावित्री जिंदल के निर्दलीय चुनाव लड़ने के नारे लगाए। समर्थक उनके पति स्व. ओपी जिंदल की फोटो भी लेकर आए थे। इधर, सावित्री जिंदल एक दिन पहले ही दिल्ली रवाना हो गई थी।
कहा जा रहा है कि इस दौरान एक मैसेज वायरल किया गया, जिसमें जिंदल समर्थकों को जिंदल हाउस पहुंचने को कहा गया था। इसके बाद यहां भीड़ जुट गई। हालांकि जिंदल हाउस का कहना है समर्थक खुद आ रहे हैं। किसी को को मैसेज नहीं किया गया।
सावित्री जिंदल को टिकट न मिलने के 4 कारण
- स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता सावित्री जिंदल को चुनाव में हरा चुके हैं। दो महीने पहले आए जिंदल परिवार के कारण संघ और पार्टी से जुड़े मंत्री का टिकट काटने से पार्टी में गलत मैसेज जाने का डर था। पार्टी कार्यकर्ताओं की अपेक्षा होती।
- डॉ. कमल गुप्ता ने टिकट कटने की खबरों के बीच मनोहर लाल से 2 बार मुलाकात की। बताया जा रहा है कि 2 सितंबर को जब फाइनल सूची तैयार की गई उसमें सावित्री जिंदल का नाम था। मगर मनोहर लाल ने जब अपने आवास पर रात को बैठक बुलाई तब नाम काटकर कमल गुप्ता का जोड़ दिया गया।
- डॉ. कमल गुप्ता का RSS से जुड़ा होने का भी फायदा उनका मिला। संघ के पुराने प्रचारक आज अखिल भारतीय स्तर पर सेवाएं दे रहे हैं जिन्होंने डॉ. कमल गुप्ता की टिकट दिलवाने के लिए केंद्र में लॉबिंग की।
- मध्यप्रदेश में नेता कैलाश विजयवर्गीय और डॉ. कमल गुप्ता की गहरी मित्रता है। कमल गुप्ता की ससुराल इंदौर है। इस नाते कैलाश विजयवर्गीय डा. कमल गुप्ता को दामाद मानते हैं। इस नाते भी कैलाश विजयवर्गीय ने पूरी मदद की।