शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे पंजाब के किसान बुधवार को दिल्ली रवाना होंगे। जिसके लिए किसान JCB और हाईड्रोलिक क्रेन जैसी हैवी मशीनरी लेकर पहुंच गए हैं। किसानों ने यह फैसला केंद्र के साथ हुई मीटिंग के बाद लिया। केंद्र ने कपास, मक्का, मसूर, अरहर और उड़द यानी 5 फसलों पर MSP देने का प्रस्ताव दिया था।
किसानों ने यह प्रस्ताव खारिज कर दिया। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हमने एक्सपर्ट और किसानों से केंद्र के प्रस्ताव पर बात की। इसके बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे कि प्रस्ताव हमारे हित में नहीं है। हमारी MSP पर गारंटी कानून की मांग पूरी हो। MSP देने के लिए 1.75 लाख करोड़ की जरूरत नहीं है।
किसान आंदोलन के मद्देनजर हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट पर पाबंदी का फैसला 20 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है।
कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा क्या कहते हैं
5 फसलों में एमएसपी से देशभर के किसानों का समाधान नहीं हो सकता। यह पंजाब आधारित प्रस्ताव है। ये चारों फसलें अभी भी लगभग एमएसपी या अधिक भाव में बिक रही हैं। मुद्दा यह है कि जो फसलें एमएसपी से नीचे बिक रही हैं, उन्हें एमएसपी पर खरीदा जाए।
जिन 23 फसलों पर पहले से MSP लागू है, किसान उन्हीं फसलों पर स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर MSP कानून बनाने की प्रमुख मांग कर रहे हैं। किसान ये नहीं चाहते कि उनकी पूरी फसल सिर्फ सरकार खरीदे, बल्कि किसान खुले बाजार में भी अपनी फसलों को बेचने पर न्यूनतम कीमत को लेकर गारंटी चाहते हैं। किसानों का कहना है कि MSP के नीचे उनकी फसल को सरकार, प्राइवेट कंपनियां या पब्लिक सेक्टर की एजेंसियां कोई भी नहीं खरीद पाएं।