एक देश-एक चुनाव के लिए संसद में पेश हुए 129वें संविधान संशोधन बिल पर बुधवार को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की पहली बैठक हुई। मीटिंग में सांसदों को कानून मंत्रालय ने 18 हजार पन्नों की रिपोर्ट सूटकेस में रखकर दी।
मीटिंग के बाद भाजपा सांसद संबित पात्रा, AAP सांसद संजय सिंह सहित कई सांसद यह रिपोर्ट सूटकेस में ले जाते दिखे थे।
बैठक में कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने प्रस्तावित कानूनों के प्रावधानों पर प्रेजेंटेशन दी। भाजपा ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि यह देशहित में है। वहीं, कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इसे संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया।
JPC को बजट सत्र के पहले हफ्ते के आखिरी दिन तक अपनी रिपोर्ट संसद में पेश करनी होगी।
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संसद में बिल पेश करने के लिए वोटिंग कराई गई थी
कानून मंत्री मेघवाल ने 17 दिसंबर को लोकसभा में एक देश-एक चुनाव को लेकर संविधान संशोधन बिल रखा था। विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध किया था। इसके बाद बिल पेश करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कराई गई थी।
कुछ सांसदों की आपत्ति के बाद वोट संशोधित करने के लिए पर्ची से दोबारा मतदान हुआ। इस वोटिंग में बिल पेश करने के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े। इसके बाद कानून मंत्री ने बिल दोबारा सदन में रखा।
कांग्रेस बोली- बिल पेश करते समय सरकार 272 सांसद नहीं जुटा पाई
कांग्रेस ने एक देश एक चुनाव विधेयक को लेकर 20 दिसंबर को कहा कि भाजपा इस बिल को कैसे पास कराएगी? क्योंकि संविधान संशोधन के लिए उसके पास सदन में दो तिहाई बहुमत (362 सांसद) नहीं हैं। बिल भले ही JPC के पास भेजा गया, लेकिन कांग्रेस इसका विरोध करती है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने PTI से बातचीत में कहा, ‘केंद्र सरकार बिल पेश करते समय 272 सांसद भी नहीं जुटा पाई थी। संविधान संशोधन के लिए उन्हें दो-तिहाई बहुमत कैसे मिलेगा। ये बिल संविधान की मूल संरचना, संघीय व्यवस्था और लोकतंत्र विरोधी है। हम एक देश,एक चुनाव बिल का विरोध करेंगे।’
दरअसल, 20 दिसंबर को राज्यसभा में इस बिल से जुड़े 12 सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किया। सभापति जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से राज्यसभा के सदस्यों को समिति में मनोनीत करने के लिए प्रस्ताव पेश करने को कहा था।
इसके बाद संसद की संयुक्त समिति को दोनों विधेयकों की सिफारिश करने वाला प्रस्ताव पारित किया गया। फिर बिल को 39 सदस्यीय JPC के पास भेजने का फैसला किया गया।