देशभर से मानसून मंगलवार को खत्म हो गया, लेकिन बारिश का दौर जारी है। राजस्थान में बुधवार को तेज बारिश का अलर्ट है। कल जयपुर, सीकर सहित कई जिलों में झमाझम बारिश हुई। जयपुर में 2 घंटे की बारिश से सड़कें तालाब बन गईं।
जयपुर के इलाकों में 2 से 3 फीट पानी भर गया। दशहरा पर रावण दहन के लिए तैयार पुतले भी पानी में बहते दिखे। कोटा में 221 फीट ऊंचा रावण का पुतला भीग गया। दावा है कि यह दुनिया का सबसे ऊंचा रावण का पुतला है। मौसम विभाग ने राजस्थान में दशहरे के दिन, 2 अक्टूबर को भी तेज बरसात की आशंका जताई है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि इस साल देश में मानसून सीजन (जून से सितंबर तक) में सामान्य से 8% ज्यादा बारिश हुई है। भारत में चार महीने के दौरान 868.6mm बारिश होती है। इस साल 937.2mm वर्षा दर्ज की गई।
मौसम से जुड़ी घटनाओं में 1520 लोगों की मौत हुई। कुल मौतों में से 935 बाढ़ और भारी बारिश से हुईं, जबकि 570 लोग बिजली गिरने और आंधी-तूफान में मारे गए। मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 290 मौतें दर्ज की गईं।
IMD ने बताया कि बारिश का दौर अक्टूबर से दिसंबर तक जारी रहेगा। अक्टूबर में सामान्य से 15% ज्यादा बारिश हो सकती है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक में भी मानसून के बाद सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है।
ये दर्द है जयपुर में रावण के पुतले बनाकर रोजी-रोटी कमाने वाले परिवारों का, जिनकी महीनों की मेहनत जयपुर में मंगलवार शाम हुई 1 घंटे की मूसलाधार बारिश ने बर्बाद दी। इनके बनाए पुतले बारिश में भीग गए। सड़क किनारे इन्होंने झोपड़ियां बना रखी थीं, उनमें पानी घुस गया। एसएफएस चौराहा, गुर्जर की थड़ी सहित शहर में कई स्थानों पर ये मजदूर पुतले बना रहे थे।
इन परिवारों का दर्द जानने के लिए भास्कर रिपोर्टर उनके झोपड़ियों में गईं। हालात डरावने थे। झोपड़ियों में अब तक पानी भरा है। दोपहर तक चूल्हा नहीं जला था। बच्चे भूख से तड़प रहे थे। महिलाएं रो रही थीं। मजदूर भीगे हुए रावण पुतलों को निहार रहे थे। मुरझाए चेहरे बता रहे थे कि उनकी महीनों की मेहनत और उम्मीदों पर पानी फिर चुका है।

