अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ में सीएम योगी भी शामिल हुए। उन्होंने कहा- किन कारणों से हमारे पूज्य आराध्य देव स्थल अपमानित हो रहे थे। अगर हम जाति के नाम पर विभाजित रहेंगे तो इस तरह की अपमानजनक स्थितियों का सामना करना पड़ेगा। हम कमजोर होंगे तो इसका खामियाजा हमारे पूज्य धर्म स्थलों को भुगतना होगा। बहन-बेटियों को भुगतना होगा।
सीएम योगी ने कहा- रामजन्मभूमि का आंदोलन, एक सार्थक लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है। अब अयोध्या में आने पर त्रेता युग का अहसास होता है। एक-दो साल में राम जन्मभूमि परिसर अपने भव्य रूप में होगा। ये आध्यात्म और धर्म के सबसे वैभवशाली धाम के रूप में विकसित हो रहा है।
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पर विशेष पूजा हुई। पुजारियों ने रामलला का पंचामृत अभिषेक किया। पहले दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक किया, फिर गंगाजल से नहलाया।
इसके बाद रामलला का श्रृंगार किया गया। उन्हें पीतांबर वस्त्र पहनाए गए। इसमें सोने के तारों से बुनाई की गई है। उनके मुकुट में हीरा जड़ा है। सीएम योगी ने भी रामलला की पूजा-अर्चना की।
दिल्ली, हिमाचल समेत 10 राज्यों से लोग रामलला के दर्शन करने पहुंचे। राम मंदिर को विदेशी फूलों से सजाया गया है। मंदिर ट्रस्ट ने अंगद टीला पर जर्मन हैंगर टेंट लगवाए हैं। यहां पर 5 हजार श्रद्धालु रामकथा सुनेंगे।
सीएम योगी ने 6 साल के बच्चे मोहब्बत को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। यह बच्चा पाकिस्तान बॉर्डर से सटे फाजिल जिले से करीब 1200 किमी दौड़ लगाकर अयोध्या पहुंचा है। उसने 14 नवंबर को पहली दौड़ शुरुआत की। इस दौरान वह रोजाना करीब 20 किमी दौड़ता रहा। 10 जनवरी को वह फैजाबाद पहुंचा और आज रनिंग करते हुए अयोध्या पहुंचा।