पूर्व ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर ने IAS सिलेक्शन कैंसिल करने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में 5 अगस्त को याचिका लगाई थी, जिस पर 2 दिन बाद आज 7 अगस्त को सुनवाई हुई। कोर्ट में पूजा खेडकर की तरफ से वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि सिलेक्शन कैंसिल होने की ऑर्डर कॉपी अभी तक पूजा को नहीं दी गई है।
पूजा की वकील ने कहा कि सिर्फ एक प्रेस रिलीज देकर उम्मीदवारी रद्द करने की सूचना दी गई है। हमें मीडिया से इसके बारे पता चला था। इस प्रेस रिलीज को रद्द करना चाहिए और ऑर्डर कॉपी देनी चाहिए। बिना कॉपी के हम सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में UPSC के आदेश को चुनौती नहीं दे सकते हैं।
इस पर जस्टिस ज्योति सिंह ने UPSC से ऑर्डर कॉपी न देने का कारण पूछा। UPSC की तरफ से वकील नरेश कौशिक ने कहा- पूजा के ऑफिशियल एड्रेस की जानकारी नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि UPSC को पूजा का एड्रेस बताया जाए और इसके बाद UPSC ऑर्डर कॉपी उनके घर भेजे और ई-मेल भी करें।
UPSC ने कहा- ऑफिशियल एड्रेस न होने के कारण प्रेस रिलीज जारी कर औपचारिक सूचना दी गई थी। एड्रेस मिलने के बाद हम 2 दिनों के अंदर ऑर्डर कॉपी भेज देंगे। इसके बाद जस्टिस ज्योति सिंह ने याचिका खारिज करते हुए कहा- पूजा उचित फोरम में UPCS के फैसले को चुनौती दे सकती हैं।
गलत जानकारी देने पर UPSC ने सिलेक्शन रद्द किया था
2023 बैच की ट्रेनी IAS रहीं पूजा खेडकर पर उम्र, माता-पिता की गलत जानकारी, पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने का आरोप था।
UPSC ने भी दस्तावेजों की जांच के बाद पूजा को दोषी माना था। 31 जुलाई को उनका सिलेक्शन रद्द कर दिया गया था। इसके बाद उनका पद छिन गया। उन पर भविष्य में UPSC का कोई भी एग्जाम देने पर रोक लगी है।
UPSC ने बताया- पूजा को 2 बार समय दिया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया
पूजा ने रूल्स तोड़े: UPSC ने 31 जुलाई को बयान जारी कर बताया कि पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने के लिए 18 जुलाई को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया था। इसमें कहा गया है कि पूजा को 25 जुलाई तक अपना जवाब देना था, लेकिन उन्होंने अपने जवाब के लिए जरूरी दस्तावेज जुटाने के लिए 4 अगस्त तक का समय मांगा। आयोग ने कहा, उन्हें फिर 30 जुलाई को दोपहर 3:30 बजे तक समय दिया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
15,000 डेटा की जांच की, यह पता नहीं चला कि पूजा ने कितने अटेम्प्ट्स दिए: खेडकर के केस के चलते UPSC ने 2009 से 2023 तक 15,000 से अधिक रिकमेंड किए गए उम्मीदवारों के डेटा की जांच की। इसमें पाया गया कि उनके अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने CSE नियमों के तहत तय अटेम्प्ट से ज्यादा अटेम्प्ट नहीं दिए थे। मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर का मामला एकमात्र था। उन्होंने कई बार न केवल अपना नाम बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदलकर परीक्षा दी थी, इसलिए UPSC की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) उनके अटेम्प्ट्स की संख्या का पता नहीं लगा सकी। UPSC अपनी SOP को और मजबूत करने की प्रक्रिया में है ताकि भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हों।