किसान आंदोलन का आज रविवार (25 फरवरी) को 13वां दिन है। पंजाब के किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। उन्होंने दिल्ली कूच का फैसला 29 फरवरी तक टाल दिया है। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक वे घर वापस नहीं जाएंगे।
आज किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) को लेकर एक सम्मेलन करेंगे। इसके द्वारा देशभर के किसानों को जागरूक करने की योजना है। इसमें एक्सपर्ट आकर WTO के नुकसान बताएंगे।
उधर, हरियाणा के 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट पर लगी रोक हट गई है। अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में 11 फरवरी की सुबह 6 बजे से इंटरनेट बंद था।
इसके अलावा किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए 11 दिन से बंद दिल्ली के टीकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर को अस्थायी तौर पर खोल दिया गया है। टिकरी बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस के लगाए कंटेनर और पत्थर हटाए गए। हालांकि, शुरुआती तौर पर एक साइड की सड़क खोली गई है। साथ ही झाड़ौदा बॉर्डर पर भी एक साइड आवाजाही शुरू हो गई है। इससे दिल्ली आने-जाने वाले लोगों को राहत मिली है।
किसान आंदोलन के मद्देनजर रविवार को हरियाणा के फतेहाबाद के गांव समैन में खाप पंचायतों व कई गांवों के ग्रामीणों की महापंचायत हुई। पंचायत में 36 खाप नेता व 72 गांवों के ग्रामीण पहुंचे।
उन्होंने दो टूक कहा कि हरियाणा के सहयोग के बिना पंजाब के किसान संगठनों का आंदोलन मजबूत होने वाला नहीं है, इसलिए पहले की तरह सभी किसान संगठन मिलकर संयुक्त किसान मोर्चा के नीचे आंदोलन की लड़ाई लड़ें।
यदि पंजाब के संगठन नहीं मानते तो फिर हरियाणा की खाप पंचायतें अपने स्तर पर सरकार के खिलाफ बिगुल बजाएंगी। आज की पंचायत खाप नेता साधु राम व सूबे सिंह समैन के नेतृत्व में हुई।