एक्टर विजय की रैली में भगदड़ में रविवार को मरने वालों का आंकड़ा 40 तक पहुंच गया है। इनमें 16 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं। 95 लोग घायल हैं, 51 लोग ICU में भर्ती हैं। मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है।
इधर मद्रास हाईकोर्ट आज भगदड़ में घायल एक पीड़ित की याचिका पर सुनवाई करेगा। उसकी मांग है कि जब तक हादसे की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक विजय और उनकी पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) की रैलियों पर रोक लगाई जाए।
वहीं, TVK के नेताओं के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। उधर, पार्टी ने मद्रास हाईकोर्ट में इस मामले की जांच के लिए अपील की है। पार्टी ने कहा कि यह भगदड़ हादसा नहीं, साजिश है।
हादसे के बाद गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से मामले को लेकर रिपोर्ट मांगी है। एक्टर विजय ने पार्टी के X हैंडल से एक पोस्ट किया है, जिसमें लिखा- ‘कल करूर में जो हुआ, उसका दुख बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं मृतकों के परिजन को 20 लाख और घायलों को 2 लाख की मदद देना चाहता हूं।’
दरअसल, एक्टर विजय ने 2 फरवरी 2024 को टीवीके बनाई। विधानसभा चुनाव 2026 में उतरने की घोषणा की। इसके चलते राज्यभर में रैलियां कर रहे हैं। करूर में भी इसी मकसद से रैली रखी गई। रैली के लिए 10 हजार लोगों की परमिशन थी। 50 हजार की भीड़ जमा हो गई।
60 फीट लंबी प्रचार बस को 100 फीट चौड़ी भीड़ भरी सड़क पर ले जाना भगदड़ की वजह थी। आयोजकों ने दूसरे रास्ते के बजाय भीड़ को चीरने की कोशिश की। इससे दबाव बढ़ा, लोग गिरते गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दबाव इतना बढ़ गया कि बच्चों समेत लोग बेहोश होने लगे और भगदड़ मच गई।
विजय ने शांति की अपील करने के लिए भाषण रोका, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। भीड़ के कारण एम्बुलेंस और वॉलंटियर्स का गिरे हुए लोगों तक तुरंत पहुंच पाना असंभव हो गया था।
घटना के बाद विजय न तो घायलों से मिले, न उन्होंने कोई संवेदना जताई, बल्कि वे चार्टर्ड फ्लाइट से सीधे चेन्नई चले गए। हालांकि उन्होंने X पर लिखा- ‘मेरा दिल टूट गया है। मैं बहुत दर्द और दुःख महसूस कर रहा हूं।’
सुप्रीम कोर्ट के वकील जीएस मणि ने करूर में हुई भगदड़ को लेकर एक्टर विजय के खिलाफ FIR दर्ज करने और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम से जांच कराने की मांग करते हुए एक शिकायत दर्ज कराई है।
जम्मू-कश्मीर में कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में सेना ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया। ये आतंकी LoC पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, शव LoC के बहुत करीब पड़े हैं।
सीमा पार से गोलीबारी के खतरे को देखते हुए कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें निकालने का अभियान जारी है। मारे गए आतंकवादियों की पहचान और उनके संगठन की जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
पिछले 8 दिनों में सेना और आतंकवादियों के बीच यह दूसरा एनकाउंटर है। इससे पहले 20 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया था।
वहीं एसपीओ समेत दो पुलिसकर्मी घायल हुए थे। मुठभेड़ दूदू-बसंतगढ़ और डोडा के भद्रवाह में सोजधार के जंगलों में हुई थी।
8 सितंबर को कुलगाम में ऑपरेशन गुड्डर के दौरान हुए एनकाउंटर में भी 2 जवान शहीद हुए थे। इनमें कैथल के लांसनायक नरेंद्र सिंधु और उत्तर प्रदेश के पैरा कमांडो प्रभात गौड़ का नाम शामिल था। इस मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकी मारे गए थे।
इनमें से एक शोपियां का रहने वाला आमिर अहमद डार और दूसरा विदेशी आतंकी रहमान भाई था। आमिर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था और सितंबर 2023 से एक्टिव था। पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से जारी 14 आतंकवादियों की लिस्ट में यह भी शामिल था।
26 अगस्त में जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में हुई एक मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए थे। उनमें से एक की पहचान बागू खान के रूप में हुई, जिसे ‘ह्यूमन GPS’ कहा जाता था। सुरक्षा बलों को दशकों से इसकी तलाश थी क्योंकि वह 1995 से 100 से ज्यादा घुसपैठ की कोशिशों में शामिल था।
1 से 12 अगस्त श्रीनगर से लगभग 70 किलोमीटर दूर कुलगाम में ऑपरेशन अखल नामक एक ऑपरेशन चलाया गया। इसमें लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक आतंकवादी मारा गया। इसकी पहचान पुलवामा निवासी हारिस डार के रूप में हुई थी।
भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर हमलों से आतंकी डर गए हैं। अब जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन खैबर पख्तूनख्वा में अपने नए ठिकाने बना रहे हैं। भारतीय सेना के सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि आतंकी संगठन PoK को अब भारतीय हमलों के कारण असुरक्षित मानते हैं। इसलिए, अफगानिस्तान से सटे खैबर पख्तूनख्वा की पहाड़ी इलाके उनके लिए सुरक्षित ठिकाना बन गए हैं।

