लोकसभा चुनाव से पहले मोदी ने एक बार फिर कांग्रेस पर 2014 के पहले के कार्यकाल को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा- 2014 से पहले हमने पॉलिसी पैरालिसिस का युग देखा है। भ्रष्टाचार और खस्ताहाल अर्थव्यवस्था का दौर देखा है।
मोदी ने कर्नाटक सेक्स स्कैंडल पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा- प्रज्वल के लिए हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है। कर्नाटक सेक्स स्कैंडल जैसे गंभीर मुद्दे को कांग्रेस ने राजनीतिक खेल बना दिया है। PM मोदी ने सैम पित्रोदा के विवादित बयान और मुसलमानों के आरक्षण जैसे कई मुद्दों पर बात की।
मोदी ने कहा- एससी-एसटी और ओबीसी समुदाय को विपक्ष की साजिश से बचाने के लिए मुझे प्रचंड बहुमत चाहिए। बाबासाहेब अंबेडकर और पंडित नेहरू चाहते थे कि धर्म के आधार पर आरक्षण न बांटा जाए, लेकिन जैसे-जैसे देश में कांग्रेस का समर्थन कम होते गया, कांग्रेस इस राह पर चलते चले गई।
सवाल: सैम पित्रोदा के विवादित बयान और मंदिर-मस्जिद के मुद्दे चुनाव में क्यों उठे? क्या इससे चुनाव विषय से भटक नहीं जाएगा?
मोदी: सैम पित्रोदा कांग्रेस के शाही परिवार के काफी करीब है। अगर कांग्रेस सत्ता के करीब भी पहुंचती है तो इनहेरिटेंस टैक्स के साथ भारतीयों को देखने का उनका नस्लीय दृष्टिकोण और विभाजनकारी सोच देश के लिए खतरनाक साबित होंगे।
क्या SC-ST से आरक्षण छीनकर दूसरों को देने की इनकी मंशा पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। वे कहते है कि लोगों की संपत्ति का एक्सरे कर इसका बंटवारा करेंगे। क्या ऐसी मानसिकता के खतरों पर बात नहीं होनी चाहिए?
सवाल: कर्नाटक सेक्स स्कैंडल पर कांग्रेस आप पर लगातार हमलावर है?
मोदी: प्रज्वल जैसे मुद्दों पर हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है। इस तरह के आरोपों को अत्यंत गंभीरता से लेने की जरूरत है। ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्ती से कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। ये घिनौनी घटनाएं अभी-अभी नहीं हुई हैं। ये घटनाएं कई सालों पहले हुई थीं। तब प्रज्वल की पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन में थी।
इसका मतलब है कि कांग्रेस को सब पता था फिर भी वे चुप थे। वे इसका उपयोग सिर्फ चुनाव में फायदे के लिए कर रहे हैं। यह महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की कमी को दर्शाता है। यह बहुत घिनौनी बात है कि कांग्रेस के लिए इतना गंभीर मुद्दा भी महज एक राजनीतिक खेल बनकर रह गया है।
सवाल: विपक्ष के तालमेल में कमी दिखी है फिर भी 300 से अधिक सीटों पर इंडी गठबंधन साझा उम्मीदवार उतार चुका है। यह कितनी बड़ी चुनौती है ?
मोदी: कई दशकों से भारत ने अस्थिर सरकारों की समस्याओं को देखा है। इनका सत्ता के सिवाय कोR एजेंडा नहीं होता था। इन सारी अस्थिरता के केंद्र में कांग्रेस थी। आज विपक्ष के पास ‘मोदी हटाओ’ के अलावा कोई विजन नहीं है।
ये लोग एक दूसरे को ही गाली देते हैं। दूसरी तरफ पिछले 10 साल में देश ने एक मजबूत सरकार का लाभ देखा है। मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस और इनका INDI गठबंधन लोगों का विश्वास जीत सकता है। चाहे वे कितनी भी सीटों पर चुनाव लड़ें।