2 दिन पहले (13 सितंबर) जमानत पर जेल से बाहर आए अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वे 2 दिन में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। केजरीवाल आम आदमी पार्टी के दफ्तर में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा- भाजपा ने मुझ पर बेईमानी, भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, अब जनता की अदालत में मेरी ईमानदारी का फैसला होगा। दो-तीन दिन में विधायकों की बैठक में नया CM चुना जाएगा। चुनाव तक मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा।
केजरीवाल ने कहा कि मनीष सिसोदिया पर भी वही आरोप हैं, जो मुझ पर हैं। उनका भी यही सोचना है कि वे भी पद पर नहीं रहेंगे, चुनाव जीतने के बाद ही पद संभालेंगे।
केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आगे क्या…
मुख्यमंत्री कौन होगा: केजरीवाल ने कहा कि जनता को तय करना है कि केजरीवाल ईमानदार है या बेईमान। चुनाव के बाद जनता ने चुना तो पद पर बैठूंगा। चुनाव होने तक पार्टी दो-तीन दिन में नया मुख्यमंत्री चुनेगी। आतिशी, कैलाश गहलोत, गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज और सुनीता केजरीवाल में से कोई एक मुख्यमंत्री बन सकता है।
इस्तीफे के बाद केजरीवाल क्या करेंगे: 5 अक्टूबर को हरियाणा में वोटिंग है। राज्य में कांग्रेस से AAP का गठबंधन नहीं हुआ है। इसके बाद यहां सभी 90 सीटों पर पार्टी ने प्रत्याशी उतारे हैं। केजरीवाल का पूरा फोकस अब हरियाणा में चुनाव प्रचार पर होगा। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में भी AAP चुनाव लड़ रही है।
भगत सिंह की किताब लेकर पहुंचे: केजरीवाल सभा में भगत सिंह की जेल में लिखी किताब “भगत सिंह की जेल डायरी” लेकर पहुंचे। कहा कि भगत सिंह के खत अंग्रेज बाहर ले जाते थे। मैं जेल में था, मेरी चिट्ठी एलजी तक नहीं पहुंचाई गई। मुझे धमकाया गया कि दोबारा ऐसा ना करूं।”
खुद को क्रांतिकारी मुख्यमंत्री कहा: केजरीवाल ने कहा कि भगत सिंह के बाद, 90-95 साल बाद आजाद भारत में एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री जेल गया। 15 अगस्त से 3 दिन पहले एलजी से कहा था कि मेरी जगह आतिशी को तिरंगा फहराने दिया जाए। चिट्ठी एलजी तक नहीं गई।
माता सीता की तरह मेरी अग्निपरीक्षा: दिल्ली सीएम ने कहा कि जब 14 साल के बाद भगवान राम वनवास से लौटे तो माता सीता को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। आज मैं अग्निपरीक्षा दूंगा।
गैर भाजपाई CM जेल जाएं तो इस्तीफा ना दें: केजरीवाल ने कहा- मैं सभी नॉन भाजपा सीएम से प्रार्थना करता हूं। अगर PM जेल भेजें तो इस्तीफा मत देना। हम सबको मिलकर लड़ना है। बहुमत से सरकार आई और मुख्यमंत्री इस्तीफा दे दे। इनका फॉर्मूला आम आदमी पार्टी ने फेल कर दिया।
दिल्ली विधानसभा चुनाव नवंबर में हो: केजरीवाल बोले- फरवरी में चुनाव हैं, मैं मांग करता हूं कि चुनाव नवंबर में कराए जाएं। महाराष्ट्र के साथ चुनाव हों। आपका फैसला आने तक मैं जिम्मेदारी नहीं संभालूंगा। आम आदमी पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री बनेगा।
केजरीवाल के इस्तीफे के मायने, 3 बातें…
CM, लेकिन पावर नहीं: दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल 177 दिन बाद जेल से जमानत पर बाहर आए। सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी कि वो CM ऑफिस नहीं जाएंगे और ना ही किसी फाइल पर साइन करेंगे। यानी जेल से बाहर आने और मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके पास पावर नहीं रहा। सरकार कैबिनेट भरोसे चलेगी।
5 महीने का कार्यकाल बचा: दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है। यानी सरकार के पास चुनाव में सिर्फ 5 महीने ही बचे हैं। इस दौरान सरकारें लोकलुभावन चुनावी फैसले लेती हैं। केजरीवाल कोर्ट की शर्तों में बंधे। जेल से छूटने के बाद केजरीवाल के साथ सिंपथी है। दो-तीन महीने पहले दिल्ली में चुनाव की मांग कर केजरीवाल इस सिंपथी को भुनाना चाहेंगे।
भाजपा ने इस्तीफा मांगा था, उसका भी जवाब दे सकेंगे: दिल्ली शराब नीति केस में नाम आने और गिरफ्तारी के बाद से ही भाजपा के नेता अरविंद केजरीवाल से मुख्यमंत्री पद छोड़ने की मांग कर रहे हैं। केजरीवाल ने अब इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। अब वे भाजपा नेताओं के हर हमले का जवाब सकेंगे कि मैंने तो इस्तीफा दे दिया।
इस्तीफे पर 3 पार्टियों के बयान
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा: अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि वे दिल्ली की जनता के बीच जाएंगे। जनता ने तो 3 महीने पहले ही अपना फैसला सुना दिया था, जब उन्होंने जेल के बदले वोट नारा लगाया था। जनता ने अपना फैसला सुनाते हुए उन्हें शून्य सीटें दीं।
दिल्ली कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित: केजरीवाल का दोबारा CM बनने का सवाल ही नहीं उठता। हम लंबे समय से कह रहे हैं कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। यह एक नौटंकी है। सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल के साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार कर रहा है। नैतिकता और अरविंद केजरीवाल के बीच कोई संबंध नहीं है।
AAP राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा: CM अग्नि-परीक्षा से गुजरने के लिए तैयार हैं। केजरीवाल ने 2020 में काम के नाम पर वोट मांगा था और कहा था कि अगर मैंने काम किया है तो ही मुझे वोट देना, अगर काम नहीं किया तो वोट मत देना। जनता AAP को वोट देकर CM को ईमानदार घोषित करेगी।