दिल्ली के 400 स्कूलों में बम की फर्जी धमकी देने वाले के बारे में नई जानकारी सामने आई है। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को बताया कि आरोपी 12वीं का स्टूडेंट है। उसकी फैमिली एक NGO के संपर्क में थी, जो अफजल गुरु की फांसी का विरोध कर रहा था।
पुलिस ने बताया कि हमारी टीमों ने 8 जनवरी को आए ई-मेल के बाद नाबालिग को ट्रैक किया। ई-मेल भेजने वाला नाबालिग था, इसलिए टीम ने फोरेंसिक जांच के लिए उसका लैपटॉप और मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लिया। हालांकि, हिरासत में नहीं लिया गया था।
दरअसल, दिल्ली में 2024 में मई से लेकर दिसंबर तक 50 बम की धमकियां भेजी गईं। इसमें सिर्फ स्कूल ही नहीं अस्पताल, एयरपोर्ट और एयरलाइन कंपनियां भी शामिल हैं। इस महीने 4 बार स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी दी जा चुकी है।
मामला सामने आने के बाद भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि सभी को पता है कि AAP का ऐसे NGO से गहरा संबंध है, जिन्होंने अफजल गुरु की फांसी का विरोध किया था। फरवरी 2015 में अफजल गुरु की बरसी पर ‘टुकड़े-टुकड़े’ के नारे लगाए गए थे और AAP ने महीनों तक उस फाइल को बंद रखा। AAP को सामने आकर इन सवालों का जवाब देना चाहिए।
पुलिस बोली- इस मामले में एक राजनीतिक दल का नाम सामने आया
स्पेशल पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) मधुप तिवारी ने पुलिस हेडक्वाटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले की जानकारी दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस की चार प्रमुख बातें…
हमने नाबालिग के भेजे गए 400 धमकी भरे ईमेल ट्रैक किए। उसके पिता के बैकग्राउंड की भी जांच की। वे एक NGO के साथ काम कर रहे हैं।
जांच में पता चला कि यह NGO अफजल गुरु की फांसी के विरोध से जुड़ा था और एक राजनीतिक दल की भी मदद कर रहा है।
पुलिस ने राजनीतिक दल का नाम नहीं बताया है। पुलिस अब इस एंगल पर जांच कर रही है कि इस बच्चे के पीछे कहीं कोई और तो नहीं जो मेल करवा रहा है।
भाजपा बोली- देश के NGO बच्चों के मन में जहर घोल रहे
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के माता-पिता ने अफजल गुरु की दया याचिका का समर्थन किया था। इन दोनों के बीच एक सीधा दिखाई देता है। क्या आप इसमें शामिल है? इन NGO के लोग कौन हैं और क्या उनका आम आदमी पार्टी से संबंध है?
मैं अरविंद केजरीवाल से अपील करता हूं कि वे सामने आएं और आप को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इन लोगों के साथ उनका क्या संबंध है। अगर नाबालिग यह सब कर रहे हैं, तो ऐसे NGO देश के बच्चों के दिमाग में किस तरह का जहर घोल रहे हैं? हम आप से स्पष्ट जवाब चाहते हैं। अगर उन्होंने साफ जवाब नहीं दिया, तो संदेह और गहरा हो जाएगा।