शरद पवार ने गृह मंत्री अमित शाह को अपने पद की मर्यादा बनाए रखने की नसीहत दी है। दरअसल, 12 जनवरी को अमित शाह ने शिरडी में भाजपा के सम्मेलन में कहा था कि महाराष्ट्र में भाजपा की जीत ने 1978 में पवार के द्वारा शुरू की गई विश्वासघात की राजनीति को 20 फीट जमीन में दफना दिया है।
पवार ने मंगलवार को मुंबई में कहा- इस देश ने कई बेहतरीन गृह मंत्री देखे हैं, लेकिन उनमें से किसी को भी अपने राज्य से बाहर नहीं निकाला गया। उनका इशारा सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में 2010 में शाह को 2 साल के लिए गुजरात से बाहर निकाले जाने की ओर था। 2014 में शाह को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था।
शरद पवार ने कहा कि 1978 में मैं CM था। तब राजनीति में पक्ष-विपक्ष के बीच इतनी कटुता नहीं थी। उस समय जन संघ के उत्तम राव पाटिल जैसे लोग भी मेरी मिनिस्ट्री में थे। इसके बाद जब वाजपेयी PM बने थे, तो उन्होंने मुझे आपदा मैनेजमेंट अथॉरिटी का अध्यक्ष बनाया था। मेरे विपक्ष में होने के बावजूद उन्होंने मुझे जिम्मेदारी दी थी।
पवार बोले- INDIA गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए है
INDIA गठबंधन में फूट की चर्चा पर पवार ने कहा- INDIA गठबंधन में कभी भी स्टेट और लोकल चुनावों को लेकर कोई बात नहीं हुई थी। यह गठबंधन केवल नेशनल लेवल यानी लोकसभा चुनाव के लिए है।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के CM उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद INDIA गठबंधन का कोई महत्व नहीं है। इसे खत्म कर देना चाहिए। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने अब्दुल्ला के बयान का समर्थन करते हुए कांग्रेस को इसके लिए जिम्मेदार बताया था। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र निकाय चुनाव हम अकेले लड़ेंगे।
RSS की तारीफ पर बोले- आइडियोलॉजी का समर्थन नहीं
पवार ने पिछले दिनों RSS की तारीफ पर सफाई दी। उन्होंने कहा- वह संघ की आइडियोलॉजी का समर्थन नहीं करते हैं, बल्कि जिस तरह से उनके लोग मेहनत करते हैं, वह उनका समर्थन करते हैं।
दरअसल, पवार ने 9 जनवरी को NCP(SP) कार्यकर्ताओं से कहा था कि संघ की कड़ी मेहनत की वजह से महाराष्ट्र में भाजपा और महायुति को शानदार जीत मिली थी। संघ के लोगों ने कड़ी मेहनत की और उनसे हमें सीखना चाहिए।