पश्चिम बंगाल में मंगलवार को CM ममता बनर्जी ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR (सामान्य शब्दों में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन) के खिलाफ कोलकाता में विरोध मार्च निकाला। 3.8 km लंबी रैली में उनके साथ पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी और बड़ी संख्या में पार्टी वर्कर्स मौजूद रहे।
दरअसल, देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आज मंगलवार से SIR शुरू हो गया। इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव हैं। असम में भी अगले साल चुनाव हैं। लेकिन, अभी वहां SIR का शेड्यूल तय नहीं है।
SIR पर ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) का आरोप है कि वोटर लिस्ट में संशोधन प्रोसेस चुपचाप तरीके से की जा रही धांधली है। जिसे भाजपा सरकार और चुनाव आयोग मिलकर कर रहे हैं।
इधर पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता के मार्च को जमात की रैली बताया। उन्होंने कहा- यह भारतीय संविधान की नैतिकता के खिलाफ है। वहीं, बंगाल भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने कहा- ममता जी को अगर कुछ कहना है, तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए।

