हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप की कंपनियों में SEBI चीफ माधबी पुरी बुच की हिस्सेदारी के खुलासे के बाद राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने कहा है कि नरेंद्र मोदी ने जांच के नाम पर अपने परम मित्र (अडाणी) को बचाने की साजिश रची है।
कांग्रेस ने X पर लिखा, “अडानी महाघोटाले की जांच SEBI को दी गई। अब खबर है कि SEBI की चीफ माधवी बुच भी अडानी महाघोटाले में शामिल हैं। मतलब घोटाले की जांच करने वाला ही घोटाले में शामिल है। है ना कमाल की बात!”
कांग्रेस ने कहा है कि इस महाघोटाले की सही जांच सिर्फ जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) से हो सकती है। हालांकि, मोदी सरकार JPC बनाने को तैयार नहीं है। PM मोदी कब तक अडानी को बचा पाएंगे, एक न एक दिन तो पकड़े जाएंगे।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर SEBI चीफ माधबी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने X पर बयान जारी किया, जिसे कांग्रेस ने भी शेयर किया है।
उन्होंने दावा कि 2022 में SEBI चीफ बनने के तुरंत बाद माधबी पुरी बुच ने गौतम अडाणी के साथ दो मीटिंग्स की। जबकि, उस समय SEBI कथित तौर पर अडाणी के लेन-देन की जांच कर रहा था।
जयराम ने कहा कि संसद का मानसून सत्र 12 अगस्त तक चलने वाला था। हालांकि, इसे 9 अगस्त को अचानक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। अब हमे इसका कारण पता चला।
जयराम का आरोप- हिस्सेदारी हासिल करने के लिए नियमों का उल्लंघन हुआ
कांग्रेस महासचिव ने बयान में लिखा- हिंडनबर्ग रिपोर्ट से पता चलता है कि माधबी और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस स्थित ऑफशोर फंड में निवेश किया था। इसी फंड में अडाणी के भाई विनोद अडाणी और उनके करीबी सहयोगियों चांग चुंग-लिंग और नासिर अली शाहबान अहली ने बिजली उपकरणों के ओवर-इनवॉइसिंग से कमाए रुपए इन्वेस्ट किए थे।
जयराम ने लिखा- SEBI के नियमों का उल्लंघन करके इन फंड्स का इस्तेमाल अडाणी ग्रुप की कंपनियों में हिस्सेदारी हासिल करने के लिए किया गया। यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि बुच की इन्हीं फंड्स में वित्तीय हिस्सेदारी थी।
कांग्रेस महासचिव ने आगे बताया कि अडाणी से जुड़े घोटाले की जांच करने में SEBI की अनिच्छा लंबे समय से सबके सामने है। सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी ने इसका संज्ञान भी लिया था।
अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार (19 अगस्त) की रात 9:57 बजे एक रिपोर्ट जारी की। इसमें दावा किया गया है कि SEBI चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है।
व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि बुच और उनके पति की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है।
हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में कथित तौर पर अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर निवेश किए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल अडाणी ग्रुप के शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया था।
माधबी बुच ने आरोपों से इनकार किया
माधवी बुच ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अपने ऊपर लगे आरोपों को “निराधार” और “चरित्र हनन” का प्रयास बताया है। SEBI चेयरपर्सन ने सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड डिक्लेयर करने की इच्छा व्यक्त की है। अपने पति धवल बुच के साथ एक जॉइंट स्टेटमेंट में उन्होंने कहा, ‘हमारा जीवन और फाइनेंसेस एक खुली किताब है।’
व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि बुच और उनके पति की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है।हिंडनबर्ग रिसर्च पिछले साल अडाणी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाकर चर्चा में आई थी।
इस बार हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में कथित तौर पर अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर निवेश किए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल अडाणी ग्रुप के शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया था।