पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक विवाद के बाद कांग्रेस ने अब उनके उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था को लेकर निशाना साधा है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के राजकीय अंतिम संस्कार में सरकार की तरफ से अव्यवस्था और अनादर देखकर हैरानी हुई।
खेड़ा ने 9 पॉइंट में अंतिम संस्कार से जुड़ी आपत्तियां दर्ज कराईं। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह के परिवार के लिए 3 ही कुर्सियां रखी गईं। परिवार के बाकी लोगों को कुर्सियां मांगनी पड़ीं।
इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी पर ये आरोप भी लगाया कि जब डॉ. सिंह की पत्नी को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा गया और गन सैल्यूट दिया गया तो पीएम मोदी और मंत्री खड़े नहीं हुए।
खेड़ा ने कहा कि डॉ. सिंह सम्मान और गरिमा के हकदार थे। इस अव्यवस्था से ये साफ होता है कि एक महान नेता के प्रति केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं और लोकतांत्रिक मूल्यों में कितनी कमी है।
इससे पहले राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करवाकर केंद्र सरकार ने उनका सरासर अपमान किया है।
भाजपा IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने रविवार को आरोप लगाया कि डॉ. मनमोहन सिंह के अस्थि विसर्जन में कांग्रेस का कोई भी नेता नहीं पहुंचा। उन्होंने पवन खेड़ा के सभी सवालों का जवाब दिया।
पवन खेड़ा के 9 सवाल और भाजपा का जवाब
- दूरदर्शन ने मोदी को ज्यादा दिखाया: दूरदर्शन को छोड़कर किसी भी समाचार एजेंसी को अनुमति नहीं दी गई। डीडी ने मोदी और शाह पर ध्यान केंद्रित किया, डॉ. सिंह के परिवार को बहुत कम दिखाया।
अमित मालवीय: कवरेज में रक्षा मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं है। पहले भी केवल DD ने ही कवरेज किया है। राष्ट्रीय समारोह भी केवल DD द्वारा कवर किए जाते हैं। अन्य एजेंसियों के प्रवेश पर प्रतिबंध सुरक्षा एजेंसियों ने लगाया।
- डॉ. सिंह के परिवार के लिए कुर्सी नहीं: डॉ. सिंह के परिवार के लिए केवल 3 कुर्सियां सामने की लाइन में रखी गईं। वहां मौजूद दूसरे कांग्रेसी नेताओं ने डॉ. सिंह की बेटियों और उनके परिवार के अन्य लोगों के लिए सीटों की व्यवस्था की।
अमित मालवीय: अंत्येष्टि स्थल पर बैठने की व्यवस्था CPWD ने दिल्ली पुलिस के परामर्श से की है। उपलब्ध स्थान के अनुसार, आगे की पंक्ति में सीटों की संख्या अधिकतम रखी गई थी। पहली पंक्ति इनमें भारत के राष्ट्रपति, भूटान के राजा, उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, कैबिनेट मंत्री, विपक्ष के नेता और सेवा प्रमुख शामिल थे। किसी अन्य व्यक्ति को आगे की पंक्ति की सीट आवंटित नहीं की गई थी। दूसरी पंक्ति में परिवार के सदस्यों के लिए 8 सीटें निर्धारित की गई थीं। अगली दो पंक्तियों में, (पंक्ति 3 और 4) परिवार के सदस्यों के लिए रिजर्व था।