पूर्व क्रिकेटर और एमएलसी मोहम्मद अजहरुद्दीन ने शुक्रवार को तेलंगाना सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। राजभवन में उन्हें तेलंगाना गवर्नर जिष्णु देव वर्मा ने शपथ दिलाई। वे राज्य के 16वें मंत्री होंगे।
उधर, भाजपा ने अजहरुद्दीन के मंत्री बनाए जाने का विरोध किया है। भाजपा का कहना है कि जुबली हिल्स विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने से यह आचार संहिता का उल्लंघन है। कांग्रेस तुष्टिकरण की की राजनीति कर रही है। भाजपा ने गुरुवार को राज्य चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है।
दरअसल, तेलंगाना की जुबली हिल्स विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को उपचुनाव होने हैं। इस सीट पर मुस्लिम मतदाता 30% हैं। माना जा रहा है कि अजहरुद्दीन की कैबिनेट में एंट्री से कांग्रेस को फायदा मिलेगा। अजहरुद्दीन 2023 में इसी सीट से चुनाव हार चुके हैं।
वहीं, तेलंगाना की कांग्रेस सरकार में अभी एक भी मुस्लिम मंत्री नहीं था। इस वजह से मुस्लिम समुदाय को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व न देने का आरोप लग रहा था। उनके शामिल होने के बाद रेवंत रेड्डी की कैबिनेट में कुल 16 मंत्री हो गए हैं, जबकि राज्य में अधिकतम 18 मंत्री हो सकते हैं।
जुबली हिल्स सीट में हर तीसरा मतदाता मुस्लिम: जुबली हिल्स विधानसभा सीट पर कुल करीब 3.90 लाख मतदाता हैं। इनमें से लगभग 1.20 से 1.40 लाख मतदाता मुस्लिम समुदाय से हैं। यानी यहां करीब 30% वोट मुस्लिमों के हैं। यही वजह है कि इस इलाके में मुस्लिम मतदाता चुनाव नतीजे तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। जिस भी पार्टी को मुस्लिम वोट मिलते हैं, उसकी जीत की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसलिए कांग्रेस ने अजहरुद्दीन को मंत्री बनाकर इस समुदाय में अपना भरोसा मजबूत करने की कोशिश की है।
उपचुनाव में मुस्लिम केंडिडेट नहीं- विधायक गोपीनाथ के निधन के बाद जुबली हिल्स सीट पर उपचुनाव हो रहा है। बीआरएस की ओर से मगंती सुनीता गोपीनाथ, कांग्रेस की ओर से वल्लाला नवीन यादव और बीजेपी की ओर से लंकला दीपक रेड्डी चुनाव मैदान में हैं। इस बार तीनों बड़ी पार्टी से कोई मुस्लिम कैंडिडेट नहीं है।
अजहरुद्दीन 2023 विधानसभा चुनाव हार गए थे- अजहरुद्दीन ने 2023 के विधानसभा चुनाव में जुबली हिल्स सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन वे बीआरएस उम्मीदवार मगंती गोपीनाथ से 16,337 वोट से हार गए थे। बीआरएस उम्मीदवार को 80,549 और अजहरुद्दीन को 64,212 वोट मिले थे।

