केरल के वायनाड में लैंडस्लाइड वाले इलाकों में शुक्रवार (9 अगस्त) की सुबह 10.15 बजे जमीन के नीचे से आई रहस्यमयी तेज आवाज से लोग दहशत में है। अधिकारियों ने कहा कि अंबालावायल गांव और व्यथिरी तालुका में आज सुबह जमीन के नीचे तेज आवाज सुनाई दी है।
वायनाड के डीएम डी आर मेघश्री ने बताया कि घटना के बाद से इलाके के लोग डरे हुए हैं। सभी को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) ने कहा कि रिक्टर स्केल में भूकंप के संकेत नहीं मिले हैं। आवाज किस कारण से आई है इसकी जांच की जा रही है। फिलहाल इलाके के स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है।
वहीं, वायनाड लैंडस्लाइड पर केरल हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया है। जस्टिस जयशंकरन नांबियार और जस्टिस वीएम श्यामकुमार की बेंच ने आज इस पर सुनवाई की।
कोर्ट ने कहा- यदि पर्यावरण ऑडिट किया गया है, तो हमें इसकी रिपोर्ट चाहिए। समस्या यह है कि हमारे पास कई कानून हैं, लेकिन जमीन पर नजर नहीं आते। हम इस मामले पर हर शुक्रवार को सुनवाई करेंगे। अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।
हाईकोर्ट ने कहा था- केरल में कई जगह सेंसेटिव जोन, यहां नियमों को बदलना चाहिए
केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार (8 अगस्त) को महाधिवक्ता को तलब किया और उन्हें कानून सहित मामलों पर विचार करने कहा। साथ ही कहा कि सरकार को सोचना चाहिए कि अवैध खनन और बाढ़ जैसी चीजों को रोकने के लिए कानूनी तौर पर क्या किया जा सकता है।
बेंच ने कहा कि केरल के कुछ क्षेत्र ईको सेंसेटिव जोन हैं। इस पर फिर से सोचने की जरूरत है कि क्या यहां सस्टेनेबल डेवलपमेंट संभव है। यदि जरूरी हो तो इन मामलों में मौजूदा नियमों और विनियमों को निरस्त किया जाना चाहिए।
138 से ज्यादा, 400 से ज्यादा लोगों की मौत
वायनाड में 30 जुलाई को हुई लैंडस्लाइड में 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अब भी 138 से ज्यादा लोग लापता हैं। 10 दिन से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में आर्मी के जवानों ने मलबे में दबे कई लोगों को जिंदा बाहर निकाला है। आज 10वें दिन भी रेस्क्यू जारी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (10 अगस्त) को पीड़ितों से मिलने वायनाड जाएंगे। PM की स्पेशल फ्लाइट कन्नूर में उतरेगी। कन्नूर से वे हेलिकॉप्टर से लैंडस्लाइड प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। इसके बाद वह रिलीफ कैम्पों में पीड़ितों से मिलेंगे, जहां 10 हजार से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं।
ठग सुकेश चंद्रशेखर ने केरल CM पिनाराई विजयन को चिट्ठी लिखकर 15 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में स्वीकार करने की अपील की है। मंडोली जेल में बंद सुकेश ने चिट्ठी में यह भी लिखा कि वह आपदा प्रभावितों के लिए 300 घर बनवाने का वचन दे रहा है।
केरल सरकार ने वायनाड लैंडस्लाइड पीड़ितों को हुए नुकसान के लिए इंश्योरेंस क्लेम में मदद के लिए टास्क फोर्स बनाई है। यह वाहन बीमा, जीवन बीमा, गृह बीमा, फसल बीमा और पालतू जानवरों और पशुओं के बीमा के बारे में ब्यौरा जुटाएगी।
5 साल पहले भी लैंडस्लाइड से 17 मौतें हुई थीं
वायनाड के 4 गांव मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की घटना हुई है। 5 साल पहले 2019 में भी भारी बारिश की वजह से इन्हीं गांवों में लैंडस्लाइड हुई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। 5 लोगों का आज तक पता नहीं चला। 52 घर तबाह हुए थे।
वायनाड में लैंडस्लाइड की क्या वजह है
वायनाड, केरल के नॉर्थ-ईस्ट में है। यह केरल का एकमात्र पठारी इलाका है। यानी मिट्टी, पत्थर और उसके ऊपर उगे पेड़-पौधों के ऊंचे-नीचे टीलों वाला इलाका। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल का 43% इलाका लैंडस्लाइड प्रभावित है। वायनाड की 51% जमीन पर पहाड़ी ढलाने हैं। यानी लैंडस्लाइड की संभावना बहुत ज्यादा बनी रहती है।
वायनाड का पठार वेस्टर्न घाट में 700 से 2100 मीटर की ऊंचाई पर है। मानसून की अरब सागर वाली ब्रांच देश के वेस्टर्न घाट से टकराकर ऊपर उठती है, इसलिए इस इलाके में मानसून सीजन में बहुत ज्यादा बारिश होती है। वायनाड में काबिनी नदी है। इसकी सहायक नदी मनंतावडी ‘थोंडारमुडी’ चोटी से निकलती है। लैंडस्लाइड के कारण इसी नदी में बाढ़ आने से भारी नुकसान हुआ है।