संसद के शीतकालीन सत्र के 14वें दिन शुक्रवार को संविधान के 75 साल पूरे होने पर लोकसभा में चर्चा हुई। शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। 1 घंटे 10 मिनट की स्पीच में राजनाथ ने कांग्रेस पर संविधान बदलने, चुनी हुई सरकारों को गिराने, संविधान से ऊपर अपना स्वार्थ पूरा करने, इमरजेंसी के जरिए संविधान को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।
राजनाथ के बाद विपक्ष की ओर से प्रियंका गांधी ने 31 मिनट में उनके हर एक बयान का जवाब दिया। प्रियंका ने कहा- रक्षा मंत्री संविधान निर्माताओं में नेहरू जी का नाम नहीं लेते। जहां जरूरत होती है, वहां जरूर लेते हैं। पहले क्या हुआ, उसे अब बताने का क्या मतलब है। अभी सरकार आपकी है, आपने क्या किया, जनता को ये बताइए।
प्रियंका ने कहा- प्रधानमंत्री संसद में संविधान की किताब को माथे से लगाते हैं। संभल, हाथरस, मणिपुर हिंसा पर जब न्याय की बात उठती है तो उनके माथे पर शिकन तक नहीं आता। राजा भेष बदलते हैं, लेकिन उनमें आलोचना सुनने की हिम्मत नहीं है। प्रियंका की यह लोकसभा में बतौर सांसद पहली स्पीच थी।
- संविधान पर
राजनाथ: पिछले कुछ वर्षों में देश में एक ऐसा माहौल बनाने का प्रयास किया गया है कि संविधान किसी एक पार्टी की देन है। इसे हाईजैक करने की कोशिश होती रही है। संविधान निर्माण में कई लोगों की भूमिका को भुला दिया गया है। इस देश में एक ऐसा राज्य भी था, जहां संसद के कानून और संविधान लागू नहीं होता था। हमने वहां पर भी सब लागू किया।