चुनाव आयोग ने वोटों की गिनती के नियमों में बदलाव किया है। अब पोस्टल बैलट की गिनती में अगर देरी होती है तो EVM काउंटिंग रोक दी जाएगी। साथ ही बैलट ज्यादा होने पर काउंटिंग टेबल भी बढ़ाई जाएंगी।
दरअसल काउंटिंग के दिन बैलट की गिनती सुबह 8:00 बजे शुरू होती है, जबकि EVM काउंटिंग 8:30 बजे की जाती है। अभी तक यह होता था कि कई सेंटर पर मशीन से काउंटिंग जल्दी पूरी हो जाती थी, जबकि बैलट में समय लगता था।
अब चुनाव आयोग के नए नियम के अनुसार, बैलट की गिनती बाकी होने पर EVM के सेकेंड लास्ट राउंड की काउंटिंग को रोक दिया जाएगा। तब तक बैलट की काउंटिंग को पूरा करना होगा। इलेक्शन कमीशन ने गुरुवार को प्रेस नोट जारी करके इसकी जानकारी दी। नए नियम की शुरुआत बिहार विधानसभा चुनाव से होगी।
मान लीजिए किसी बूथ पर ईवीएम मशीनों में 10 हजार वोट डाले गए हैं। इन्हें 5 राउंड में पूरा गिना जा सकता है। लेकिन बैलट वोट 1 हजार हैं और उनकी काउंटिंग में समय लग रहा है। तो ईवीएम काउंटिंग को चौथे राउंड पर रोक दिया जाएगा। जब तक कि बैलट के वोटों की गिनती पूरी न हो जाए।
चुनाव आयोग बोला- इससे पारदर्शिता आएगी
चुनाव आयोग ने कहा कि यह कदम काउंटिंग प्रोसेस में समानता और ज्यादा पारदर्शिता लाएगा। खासतौर से उन सेंटर्स पर जहां पोस्टल की गिनती की जाती है। इस बदलाव से यह तय होगा कि सभी वोटों की गिनती सही तरीके से और बिना किसी पक्षपात के पूरी हो सके।
वोटर लिस्ट से नाम हटाने-जोड़ने के लिए अब ई-वेरिफिकेशन जरूरी होगा। इसके लिए चुनाव आयोग (EC) ने अपने पोर्टल और एप पर एक नया ‘ई-साइन’ फीचर शुरू किया है।
न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने, हटाने या उस पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए आवेदक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर वन-टाइम पासवर्ड (OTP) भेजा जाएगा।
इससे सुनिश्चित होगा कि आवेदन करने वाला वही व्यक्ति है, जिसका नाम या नंबर इस्तेमाल किया गया है।यह मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 23 सितंबर से पहले ई-वेरिफिकेशन जरूरी नहीं था।

