संसद में बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में राहुल गांधी 40 मिनट बोले। उन्होंने कहा- मैंने राष्ट्रपति का भाषण सुना। वे पिछले कई सालों से यही बातें दोहरा रही हैं। आज मैं बताऊंगा कि उनका संबोधन कैसा हो सकता था।
राहुल ने कहा- बेरोजगारी पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली हमारी UPA सरकार और प्रधानमंत्री मोदी की NDA सरकार कुछ नहीं कर पाई। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए। PM मोदी का ‘मेक इन इंडिया’ एक अच्छा आइडिया था, लेकिन नतीजा आपके सामने है। मैं प्रधानमंत्री को दोष नहीं दे रहा, यह कहना सही नहीं कि उन्होंने कोशिश नहीं की, लेकिन वे असफल रहे।
- बेरोजगारी पर UPA सरकार को भी घेरा
राहुल ने स्पीच में अपनी सरकार की भी खामी गिनाई। उन्होंने कहा- देश में बेरोजगारी की समस्या का समाधान कांग्रेस नेतृत्व वाली UPA की सरकार भी अपने 10 साल के शासनकाल में नहीं कर पाई। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार भी पिछले 10 साल में इस पर कुछ नहीं कर पाई। - मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कॉन्सेप्ट की तारीफ की
राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा- देश में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने की जरूरत है। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी 2014 में 15.3% से घटकर आज 12.6% रह गई है। यह 60 वर्षों में सबसे कम है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे बढ़ाने का प्रयास किया। वे मेक इन इंडिया कॉन्सेप्ट लेकर आए। यह अच्छा प्रयास था, लेकिन सफल नहीं हुए। - वोटर्स डेटा में गड़बड़ी का आरोप लगाया
नेता विपक्ष बोले कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के वक्त जितना वोट था, सिर्फ 5 महीने बाद विधानसभा चुनाव के दौरान उसमें हिमाचल प्रदेश जितना बड़ा वोटिंग रोल जोड़ दिया गया। जितने 5 साल में जोड़े जाते हैं, उतने 5 महीने में जोड़ दिए गए। दिलचस्प बात है कि नए वोटर्स उन्हीं विधानसभाओं में ज्यादा हैं, जहां भाजपा जीती है। हिमाचल प्रदेश जितने बड़े वोटर्स लोकसभा के बाद जादू से आए कैसे। इलेक्शन कमीशन से हम कह रहे हैं कि हमें लोकसभा की वोटर लिस्ट इलेक्ट्रॉनिकली दीजिए।