कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि उनके पास वोट चोरी के ऐसे सबूत हैं, जिन्हें वे जल्द ही सबके सामने लाएंगे। उसके बाद किसी को भी शक नहीं रहेगा कि मोदी ने वोट चोरी कर सत्ता हासिल की है।
उन्होंने कहा कि पिछली प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कांग्रेस ने वोटर लिस्ट में धांधली के उदाहरण दिए थे। महादेवपुरा और आलंद में गलत तरीके से वोट जोड़ने और काटने की घटनाएं दिखाई थीं।
कांग्रेस सांसद ने कहा- मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार वोट चोरों को बचा रहे हैं। आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6000 वोटरों के नाम काटने की कोशिश का मामला CID जांच में है। ये जांच खुद CEC की भूमिका पर सवाल उठाती है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या उनका ‘हाइड्रोजन बम’ प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से जुड़ा होगा, तो राहुल ने कहा कि यह अटकलें लगाने का काम मीडिया का है, उनका काम है सच्चाई देश के सामने लाना।
राहुल गांधी ने वायनाड में अपनी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी की स्मृति में बने सभागार का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि ओमन चांडी सत्ता में रहते हुए भी हमेशा जनता से जुड़े और विनम्र रहे, जबकि आज कई राष्ट्रीय स्तर के नेता सत्ता में आते ही घमंडी हो जाते हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 18 सितंबर को कहा था- ‘मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार लोकतंत्र को नष्ट करने वालों और वोट चोरों को बचा रहे हैं।’ राहुल ने कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए दावा किया कि वहां कांग्रेस समर्थकों के वोट योजनाबद्ध तरीके से हटाए गए।
राहुल ने दावा किया कि आलंद में जिन वोटर्स के नाम डिलीट किए गए उनको हटाने के लिए दूसरे राज्यों में ऑपरेट हो रहे मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया गया। राहुल ने प्रजेंटेशन में उनके नंबर भी बताए। गोदावाई के 12 पड़ोसी के नाम भी हैं, जिन्हें इन मोबाइल नंबर्स से डिलीट किया गया।
उधर, चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को गलत और निराधार बताया था। कहा था कि कोई भी आम नागरिक ऑनलाइन किसी का भी वोट डिलीट नहीं कर सकता। किसी का वोट डिलीट करने से पहले संबंधित व्यक्ति को अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है।

