पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।अमित मालवीय ने रविवार को आरोप लगाया था कि डॉ. मनमोहन सिंह के अस्थि विसर्जन में कांग्रेस और गांधी परिवार का कोई भी नेता नहीं पहुंचा। इस पर पवन खेड़ा ने कहा- परिवार की प्राइवेसी का ध्यान रखते हुए कांग्रेस पार्टी का कोई भी नेता अस्थि विसर्जन में शामिल नहीं हुआ।
राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करवाकर केंद्र सरकार ने उनका अपमान किया। वहीं, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बताया कि डॉ. सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित कर दी गई है। उनके परिवार को भी इसकी जानकारी दे दी गई है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक विवाद के बाद कांग्रेस ने उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था को लेकर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि डॉ. सिंह के अंतिम संस्कार में सरकार की तरफ से अव्यवस्था और अनादर देखकर हैरानी हुई। खेड़ा ने 9 पॉइंट में अंतिम संस्कार से जुड़ी आपत्तियां दर्ज कराईं। भाजपा ने इसका जवाब दिया है।
देश के 14वें प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में गुरुवार, 26 दिसंबर को निधन हो गया। एक प्रोफेसर, जो पहले ब्यूरोक्रेसी, फिर राजनीति में आए। मनमोहन सिंह का ब्यूरोक्रेटिक करियर उस वक्त शुरू हुआ जब ललित नारायण मिश्रा ने उन्हें कॉमर्स मिनिस्ट्री में बतौर एडवाइजर नौकरी दी।