जम्मू-कश्मीर के राजौरी में 17 लोगों की रहस्यमयी मौत का कारण सामने आ गया है। कठुआ में एक कार्यक्रम में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह कोई बीमारी नहीं है। शुरुआती जांच में पता चला है कि किसी जहरीले पदार्थ की वजह से मौतें हुई हैं।
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च, लखनऊ में जहर की जांच चल रही है। सैंपल्स में किसी भी तरह के इंफेक्शन, वायरस या बैक्टीरिया के सबूत नहीं मिले हैं।
वहीं, एम्स में प्रोफेसर और टॉक्सिकोलॉजी के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता ने बताया कि जहरीला पदार्थ नैचुरल या कैमिकल कुछ भी हो सकता है। यह कीटनाशक या गैस भी हो सकती है।
राजौरी के बधाल गांव में 7 दिसंबर से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 6 लोग गंभीर हालत में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) जम्मू में भर्ती हैं।
गांव को बनाया गया कंटेनमेंट जोन
22 जनवरी को तीन बहनों की तबीयत बिगड़ने के बाद राजौरी के गांव बधाल को कंटेनमेंट जोन बनाया गया था। वहां भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। तीनों बहनों की उम्र 16 से 22 साल के बीच है।
पहले उन्हें राजौरी के GMC में भर्ती किया गया था। तबीतय बिगड़ने के बाद उन्हें जम्मू रेफर कर दिया गया। इससे एक पहले 25 साल के युवक एजाज अहमद को GMC जम्मू लाया गया लेकिन हालत में सुधार न होने पर PGI चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया था।
गांव को 3 कंटेनमेंट जोन में बदला गया…
पहला जोन उन परिवारों को कवर कर रहा है, जिनमें मौतें हुई हैं। इन परिवारों के घरों को सील कर दिया गया है और सभी लोगों के लिए यहां पर एंट्री बैन कर दी गई है। परिवार वालों को भी यहां जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्हें यहां जाने के लिए अधिकारियों की मंजूरी लेनी होगी।
दूसरे कंटेनमेंट जोन में प्रभावित व्यक्तियों के करीबी संपर्क में आने वालों यानी परिवार वालों को रखा गया है। इन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया है। उनकी सेहत पर नजर रखी जा रही है। तीसरे जोन में गांव के सभी परिवारों को रखा गया है।
तीसरे कंटेनमेंट जोन में मेडिकल स्टाफ लगातार गांववालों के खान-पान पर नजर रख रहा है। यहां अस्पताल की तरफ से तैनात किया गया अफसर ही लोगों को खाना और पानी देगा। यहां पहले से मौजूद कुछ भी खाने पर रोक लगा दी गई है। पुलिस टीम भी यहां मौजूद है।