दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार 3 मई को दो घंटे बहस हुई। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार किया जा सकता है, ताकि वे कैंपेन में हिस्सा ले सकें।
बेंच ने कहा कि मेन केस यानी जिसमें केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी है, इसमें समय लग सकता है। इसलिए चुनाव को देखते हुए हम उनकी अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई पर विचार कर सकते हैं। 7 मई को इस पर सुनवाई करेंगे।
इससे पहले केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 16 मार्च तक वे (दिल्ली के सीएम) आरोपी नहीं थे, अचानक इसमें क्या बदलाव हुआ? इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि जब तक आपको (केजरीवाल को) गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक आरोपी नहीं हैं।
30 अप्रैल की सुनवाई में कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाए थे और पूछा था कि चुनाव से ठीक पहले ही गिरफ्तारी क्यों हुई। कोर्ट ने ED से 4 और सवालों के जवाब मांगे थे। कोर्ट ने केजरीवाल से भी सवाल किया गया था कि आपको ED ने जो नोटिस भेजे, आपने उन्हें नजरअंदाज क्यों किया। आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ यहां आए, आपने जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए।
शराब नीति घोटाला केस में केजरीवाल 21 मार्च को गिरफ्तार किए गए थे। 1 अप्रैल को केजरीवाल को तिहाड़ जेल भेज दिया गया। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 23 अप्रैल को उनकी न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ा दी थी। केजरीवाल तीसरे (7 मई) फेज की वोटिंग के दौरान भी जेल में रहेंगे।
केजरीवाल के अलावा BRS नेता के. कविता और एक अन्य आरोपी चरनप्रीत की कस्टडी भी 7 मई तक बढ़ा दी गई है।
कोर्ट रूम लाइव- 13
जस्टिस खन्ना- हम आज कुछ नहीं कह रहे हैं, लेकिन हम पूछ सकते हैं। आप 7 मई को तैयार रहें। दूसरा सवाल है- क्या केजरीवाल को आधिकारिक फाइलों पर दस्तखत करने चाहिए?
राजू- आपके इस बयान को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाएगा।
जस्टिस खन्ना- खुली अदालत में यही समस्या है।
राजू- लेकिन अंतरिम राहत से पहले मेरी पूरी बात सुनी जानी चाहिए। उन्हें जमानत याचिका दायर करने दें।
जस्टिस खन्ना- हम किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। हम मंगलवार 7 मई को सुनवाई करेंगे।