विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A में सीट शेयरिंग समेत गठबंधन के अध्यक्ष और संयोजक पद पर भी असमंजस की स्थिति है। सूत्रों के मुताबिक, शनिवार 13 जनवरी को हुई वर्चुअल मीटिंग में चेयरपर्सन के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर सहमति बनी, लेकिन संयोजक के नाम पर फैसला नहीं हो सका।
मीटिंग के बाद NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा, ‘हमारे बीच चर्चा हुई कि हम जल्द सीट शेयरिंग पर फैसला लेंगे।’
JDU भी सीट शेयरिंग में हो रही देरी से नाराज है। पार्टी के महासचिव और मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, ‘हमारी चिंताएं हैं कि सीट शेयरिंग जल्दी हो और जॉइंट कैंपेन होना चाहिए।
चुनाव में मुश्किल से दो महीने बचे हैं और अभी सीट शेयरिंग भी नहीं हुई। यह बहुत बड़ी प्रॉब्लम है। हालांकि, NDA में भी सीट शेयरिंग नहीं हुई है, लेकिन BJP का संगठन, जनशक्ति और धनशक्ति काफी मजबूत है।’
राज्य में लोकसभा की 42 सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस 6 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। मुख्यमंत्री और TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी कांग्रेस को 2 सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं हैं।
पश्चिम बंगाल में फिलहाल सीट शेयरिंग का कोई फॉर्मूला बनता नहीं दिख रहा। यही वजह है कि ममता बनर्जी I.N.D.I.A गठबंधन से दूरी बनाते दिख रही हैं। फिलहाल कांग्रेस और TMC में सीटों के बंटवारे पर कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई है।
पंजाब: कांग्रेस का 8 सीटों पर दावा, लेकिन AAP राजी नहीं
पंजाब में लोकसभा की 13 सीटें हैं। आम आदमी पार्टी के चीफ अरविंद केजरीवाल ने दिसंबर में भटिंडा में एक रैली के दौरान लोगों से AAP को सभी 13 सीटें जिताने की अपील की थी। जाहिर है कि AAP का दावा पंजाब की सभी 13 सीटों पर है। अभी 13 में से 8 सीटों पर कांग्रेस के सांसद हैं। कांग्रेस इन 8 सीटों पर दावा कर रही है। पंजाब में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी कांग्रेस को इतनी सीटें देने के लिए तैयार नहीं है।
दिल्ली: सीट शेयरिंग पर सहमति बनी, AAP 4 और कांग्रेस 3 सीटों पर लड़ सकती हैं
दिल्ली में AAP और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है। कांग्रेस ने दिल्ली में 5 सीटों की डिमांड की थी, लेकिन AAP के 4 और कांग्रेस के 3 सीटों पर लड़ने के संभावित फॉर्मूले पर दोनों पार्टियां राजी हैं।
यूपी: कांग्रेस 20-25 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, सपा 10 सीटें दे रही
यूपी में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर शुक्रवार 12 जनवरी को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की बैठक होनी थी। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, यूपी को लेकर पार्टी का रोड मैप क्लीयर नहीं था, इस वजह से मीटिंग टालनी पड़ी।
कांग्रेस यूपी में 20-25 सीटों पर लड़ना चाहती है, जबकि सपा 10 से ज्यादा सीट नहीं देना चाहती। सपा खुद कम से कम 60 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है और अपनी सहयोगी RLD को 5 सीट दिलाना चाहती है। ऐसी स्थिति में यूपी में कांग्रेस के लिए 15 सीटें ही बचेंगी।