सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्यों में रोड सेफ्टी उपाय और मोटर व्हीकल एक्ट (MV Act) के नियमों को लागू करने के मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने इसे लेकर बचे हुए 23 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों (UT) से जवाब मांगा है। कोर्ट ने इन राज्यों को इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और रोड सेफ्टी उपायों के अनुपालन वाली रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की बेंच ने कहा कि 5 राज्यों- पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, एक केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली ने अनुपालन रिपोर्ट भेज दी है। 23 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश ने रिपोर्ट नहीं दी है। ये रिपोर्ट रोड सेफ्टी पर बनाई गई सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के पास भेजी जाएगी।
बेंच ने कहा कि राज्य सरकारों को एक्सीडेंट होने वाली जगहों, जंक्शनों और 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाने की जरूरत है। कोर्ट ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को जल्द अनुपालन के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश भेजने का निर्देश भी दिया है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2 सितंबर 2024 को सभी राज्य सरकारों को मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 की धारा 136A को लागू करने का निर्देश दिया था। जो तेज गति से चलने वाले वाहनों की इलेक्ट्रॉनिक रूप से निगरानी करने की परमिशन देता है।
इस एक्ट के नियम 167A के तहत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फुटेज के आधार पर चालान जारी किए जा सकते हैं। कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को इसको लेकर कदम उठाने का भी निर्देश दिया था।