Telangana/Atulya Loktantra : तेलंगाना बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन (TSBIE) ने 18 अप्रैल को कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा के परिणाम घोषित किए. परिणाम जारी होने के बाद छात्रों के आत्महत्या करने का मामला सामने आने लगा.
Telangana Board Result में हेरफेर, 7 दिन में 19 छात्रों ने किया सुसाइड
रिजल्ट बाद छात्रों को परिणाम सही नहीं लगे जिसके चलते कई छात्रों ने मौत को गले लगा लिया. इंडियन एक्सप्रैस की रिपोर्ट के अनुसार 7 दिनों के भीतर अभी तक 19 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है. लगातार हो रही आत्महत्याओं के चलते अभिभावक और छात्र जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार ने बुधवार (24 अप्रैल) को परीक्षा में फेल घोषित हुए 3 लाख से अधिक छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन का आदेश दिया.
आपको बता दें, इस साल, परीक्षा के लिए 9.74 लाख छात्र उपस्थित हुए. उनमें से, 3.28 लाख फेल हो गए हैं. वहीं अब उनकी उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा.
Telangana Board Result में हेरफेर, 7 दिन में 19 छात्रों ने किया सुसाइड कौन हैं छात्रों की आत्महत्या का जिम्मेदार?
तेलंगाना बोर्ड ने इस साल परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन से लेकर रिजल्ट जारी करने की पूरी जिम्मेदारी एक प्राइवेट फर्म “Globarena Technologies” को दी थी. छात्रों और अभिभावकों का आरोप है कि फर्म की प्रणाली ने हजारों छात्रों को गलती से फेल कर दिया या उन्हें परीक्षा के लिए अनुपस्थित कर दिया.
आत्महत्या करने वालों में नारायण कॉलेज का एक छात्र नागेंद्र था
जिसने परीक्षा में गणित विषय में फेल होने की वजह से आत्महत्या कर ली. नागेंद्र ने अपने घर पर फांसी लगा ली थी.
उनके पिता जी विवेकानंद ने कहा कि वह पढ़ाई में अच्छे थे. “हम विश्वास नहीं कर पा रहे थे कि वह मैथ्स में फेल हो गया, वह उसका पसंदीदा विषय था. रिजल्ट जारी होने के बाद वह दुखी रहने लगा और खानी-पीने से मना करने लगा. लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि वह अपनी जान ले लेगा”.
वहीं निजामाबाद के वी वेनेला, जो दो विषयों में असफल रहे थे. जिस दिन रिजल्ट जारी हुआ थी उसी रात को उन्होंने कीटनाशक दवाई का सेवन किया और सुबह उनकी मृत्यु हो गई.
इंडियन एक्सप्रैस की रिपोर्ट के अनुसार तेलंगाना पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एन नारायण ने बताया
कि मूल्यांकन प्रणाली में तकनीकी खराबी के कारण अव्वल छात्रों को कुछ विषयों में 5 या 10 अंक दिए गए हैं और सैकड़ों छात्रों को परीक्षा में शामिल होने के बावजूद अनुपस्थित किया गया.
ग्लोबरेना टेक्नोलॉजीज के सॉफ्टवेयर में तकनीकी गड़बड़ियां थीं. बता दें, जब परिणाम घोषित किए गए, तो कंपनी ने स्वीकार किया कि उनमें गड़बड़ियां थीं, लेकिन उन्होंने कहा कि वे ठीक हो गए थे. अब ऐसा लग रहा है कि पूरी प्रक्रिया गलतियों से भरी थी.
कक्षा 11वीं में 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र 12वीं कक्षा में फेल हो गए. अभिभावकों ने कहा कि हम समझ सकते हैं कि पिछले साल की तुलना में छात्रों ने कम अंक हासिल किए हो, लेकिन एक या उससे अधिक विषयों में फेल होने पर सवाल उठ रहे हैं.
12वीं की छात्रा जी. नाव्या को तेलुगू पेपर में 0 अंक मिल थे, नाव्या ने अपना तेलुगू पेपर पुनर्मूल्यांकन के लिया दिया. पुनर्मूल्यांकन होने के बाद नाव्या को जिस पेपर में 0 अंक प्राप्त हुए थे, उसमें 99 अंक प्राप्त हुए. इसके बाद तेलंगना के रिजल्ट को लेकर बुधवार को विरोध प्रदर्शन ने जोर पकड़ लिया.
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नव्या का मामला संदेह को मजबूत करता है कि सिस्टम गलतियों से भरा हुआ था. जिसने ज्यादातर छात्रों को फेल कर दिया. साथ ही कई छात्रों को परीक्षा में शामिल होते हुए भी अनुपस्थित घोषित कर दिया गया.
“तेलंगाना पेरेंट्स एसोसिएशन” द्वारा एक जनहित याचिका के आधार पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को TSBIE में फेल छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं फिर से जांचने को कहा है. वहीं तेलंगाना शिक्षा विभाग ने अदालत को बताया कि इस प्रक्रिया में कम से कम दो महीने लगेंगे.
विरोध प्रदर्शन तेज होने के साथ, राज्य सरकार ने उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन का आदेश दिया. तेलंगाना स्टेट टेक्नोलॉजिकल सर्विस के एमडी जी टी वेंकटेश्वर राव, बीआईटीएस, हैदराबाद के डॉ ए वासन और आईआईटी, हैदराबाद के डॉ. निशांत डोंगरी से मिलकर एक टीम बनाई गई गई है, जो ग्लोबरेना सिस्टम की खामियों की जांच करेगी.