सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) पर आधारित ‘वाइटल स्टैटिस्टिक्स ऑफ इंडिया’ की 13 अक्टूबर को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, ‘भारत में साल 2022 की तुलना में 2023 में जन्म में कमी आई, लेकिन मौत का आंकड़ा बढ़ा।’
रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2023 में 2 करोड़ 52 लाख बच्चों का जन्म हुआ था, जो साल 2022 की तुलना में 2 लाख 32 हजार कम था। क्योंकि उस साल का आंकड़ा 2 करोड़ 54 लाख 32 हजार था।
वहीं, 2023 में 86.6 लाख लोगों की मौत रिकॉर्ड की गई थीं। 2022 में ये आंकड़ा 86.5 लाख रहा था। हेल्थ मिनिस्ट्री के कोविड-19 डेशबोर्ड के मुताबिक 5 मई 2025 तक देश में कोविड के कारण 5 लाख 33 हजार 665 मौतें हो चुकी हैं।
सबसे ज्यादा मौतें 2021 में हुई थीं तब कोविड की सेकेंड वेव चल रही थी। तब 2020 की तुलना में 21 लाख ज्यादा मौतें हुई थीं। 2020 में कुल 81.2 लाख मौतें और 2021 में यह आंकड़ा 1 करोड़ 2 लाख 2 हजार से ज्यादा था।
ओडिशा, मिजोरम, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में बर्थ रजिस्ट्रेशन 80-90% रहा है। वहीं, 14 राज्यों में असम, दिल्ली, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, बिहार, राजस्थान, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मेघालय और उत्तर प्रदेश में बर्थ रजिस्ट्रेशन 50-80% के बीच रहा है।
11 राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों ने निर्धारित 21 दिनों के भीतर 90% से अधिक बर्थ रजिस्ट्रेशन हासिल किया। इन राज्यों में गुजरात, पुडुचेरी, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन एंड दीव, तमिलनाडु, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गोवा और पंजाब शामिल हैं।
साल 2023 में कुल दर्ज जन्मों में संस्थागत जन्मों (अस्पताल में हुए जन्म) का हिस्सा 74.7% रहा। हालांकि, रिपोर्ट में सिक्किम का डेटा शामिल नहीं किया गया है। पूरे देश में जन्मों का कुल रजिस्ट्रेशन 98.4% रहा।
भारत की जनसंख्या साल 2036 में 152.2 करोड़ तक हो सकती है। इसको लेकर सांख्यिकी एवं कार्यक्रम मंत्रालय ने 12 अगस्त 2024 को एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि सेक्स रेशो 2036 तक प्रति 1000 पुरुषों पर 952 महिलाओं तक पहुंचने की उम्मीद है। 2011 की जनगणना में यह आंकड़ा 943 था।

