पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार (21 जुलाई) को कोलकाता के एस्प्लेनेड में शहीद दिवस रैली की। रैली को ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेताओं के अलावा समाजवादी पार्टी (SP) के मुखिया अखिलेश यादव ने भी संबोधित किया।
पश्चिम बंगाल में लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में एकतरफा जीत के बाद TMC की यह पहली बड़ी रैली है। इसमें लाखों कार्यकर्ता शामिल हुए। ममता हर साल शहीद दिवस रैली के मंच से पार्टी की रणनीति की घोषणा करती हैं।
TMC की शहीद दिवस रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “जब हम देश की राजनीति को देखते हैं तो आज की चुनौती बढ़ी है। सांप्रदायिक ताकतें षड्यंत्र रच रही हैं। जो सत्ता में लोग हैं और दिल्ली के इशारे पर जो लोग अलग-अलग जगहों पर बैठे हैं वो लगातार षड्यंत्र कर रहे हैं।
बंगाल में आपने भाजपा को पीछे छोड़ दिया, उत्तर प्रदेश ने भी आपके साथ मिलकर पीछे छोड़ दिया। ये जो कुछ दिन के लिए सत्ता में आए हैं ये कुछ दिन के मेहमान हैं। दिल्ली की सरकार चलने वाली नहीं है। वो सरकार गिरने वाली है। हम एक दिन देखेंगे कि यही सरकार गिरेगी और हमारे आपके लिए खुशियों के दिन आएंगे।
रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, मैं चाहती हूं कि बंगाल के साथ हिंदुस्तान के संबंध अच्छे हों। आप (अखिलेश यादव) यहां आए, मैं आपका शुक्रिया अदा करती हूं। मैं समाजवादी पार्टी का अभिनंदन करना चाहूंगी क्योंकि उत्तर प्रदेश में आपने जो खेल दिखाया है। मैं आपके साथ सहमत हूं कि दिल्ली में सरकार ने एजेंसी लगाकर, चुनाव आयोग को लगाकर जो सरकार लाई गई है, वह सरकार स्थिर नहीं है, वह सरकार कभी भी जा सकती है।
अभिषेक बनर्जी ने रैली में कहा- जिन्होंने कहा था अबकी बार 400 पार, वे 240 पर ही रुक गए। जिन्होंने बंगाल में कहा था कि अबकी बार 200 पार उन्हें जनता और तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने 70 पर रोक दिया है। भाजपा के पास ED-CBI-IT जैसी सभी एजेंसियां हैं लेकिन तृणमूल के पास जनता जनार्दन और तृणमूल कर्मी हैं।
रैली कांग्रेस कार्यकर्ताओं की याद में होती है
ममता बनर्जी के नेतृत्व में 21 जुलाई, 1993 को कोलकाता में फोटो युक्त मतदाता पहचान पत्र की मांग को लेकर प्रदर्शन हुआ था। उस दौरान पुलिस फायरिंग में कांग्रेस के 13 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी। उन्हीं की याद में ममता हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाती हैं। ममता उस समय कांग्रेस की यूथ विंग की प्रेसिडेंट थीं और बंगाल में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा का शासन था।
ममता बनर्जी और अखिलेश यादव का एक मंच पर आना बड़ी बात है। दोनों एक मंच पर आकर INDIA गठबंधन की एकजुटता दिखाएंगे। अखिलेश के साथ ममता के अच्छे संबंध हैं। अखिलेश ने उत्तर प्रदेश में भदोही लोकसभा सीट TMC के लिए छोड़ी थी। हालांकि पार्टी यहां हार गई।
ममता ने पिछले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अखिलेश के लिए प्रचार किया था। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश ने खुद ममता को फोन करके शहीद दिवस रैली में शामिल होने की इच्छा जताई थी। अखिलेश मंच से INDIA गठबंधन के लिए कोई बड़ा संदेश जारी कर सकते हैं।
कांग्रेस और ममता को पास लाने की कवायद
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और TMC के बीच सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बनी थी। इसके बाद दोनों पार्टियों ने एक दूसरे के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारे थे। कांग्रेस ने वामदलों के साथ गठबंधन किया था। हालांकि इससे कांग्रेस को नुकसान हुआ और TMC ज्यादा फायदे में रही।
ममता बनर्जी ने कहा था कि वे राज्य में कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं रखेंगी, लेकिन केंद्र में वो INDIA गठबंधन के साथ रहेंगी। ममता का मैसेज साफ था कि वे लोकसभा के बाद 2026 विधानसभा चुनाव में भी किसी पार्टी के साथ सीट शेयर करने के मूड में नहीं हैं।
सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश चाहते हैं कि INDIA गठबंधन की मजबूती के लिए ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच की दूरी खत्म हो। इससे पश्चिम बंगाल में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में INDIA गठबंधन मजबूत होगी।