प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली के भारत मंडपम में ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 का इनॉगरेशन किया। पीएम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा- मेरा ज्यादा समय गांव-देहात में गुजरा। मैंने परेशानियों को करीब से देखा है इसीलिए समस्याओं को हल करने का सपना देखा।
पहले हमारे देश के सीमावर्ती गांवों को लेकर सोच क्या थी। उन्हें देश का आखिरी गांव कहा जाता था। हमने ये सोच बदली। हमने बताया कि सूरज की पहली और आखरी किरण यहां पड़ती है। ये हमारे लिए प्रथम गांव हैं। इनके लिए वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की। जिन्हें किसी ने नहीं पूछा उन्हें मोदी ने पूजा है।
ग्रामीण भारत महोत्सव 4 से 9 जनवरी तक चलेगा। महोत्सव की थीम ‘विकसित भारत 2047 के लिए एक बेहतरीन ग्रामीण भारत का निर्माण’ रखी गई है।
- पिछली सरकारों पर
पीएम ने कहा- आजादी के बाद से अबतक देश के लाखों गांव बुनियादी चीजों से वंचित रहे हैं। देश में सबसे ज्यादा SC, ST और ओबीसी कहां रहते हैं…गांव में। ये लोग गांव में ही गुजारा करते हैं। पहले की सरकारों ने इनकी जरूरतों पर ध्यान नहीं दिया। गांव से पलायन होता रहा। गरीबी बढ़ती रही। गांव शहर की खाई भी बढ़ती रही।
पीएम बोने- हम में से जो लोग गांव से हैं, पले बढ़े हैं। वो जानते हैं गांवों की ताकत क्या है। जो गांव में बसा है, गांव भी उसके भीतर बस जाता है। जो गांव में जिया है वो गांव में जीना भी जानता है। मेरा बचपन भी एक छोटे से कस्बे में बीता।मैंने बचपन से देखा है, लेकिन पूंजी की कमी के कारण उन्हें अवसर नहीं मिल पाते। मैंने देखा है गांव में विविधता से भरा सामर्थ्य होता है लेकिन वह मूलभूत समस्याओं में ही खप जाता है। कभी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल नहीं होती ,इन परेशानियों को करीब से देखने के कारण ही गांव गरीब की समस्या हल करने का सपना देखा।
- हर घर नल पर
2014 से मैं लगातार हर पल ग्रामीण भारत की सेवा में लगा हूं। घर घर शौचालय बनवाए, करोड़ो परिवारों को पक्के घर दिए। आज जल जीवन मिशन से लाखों गांवों के हर घर तक पीने का साफ पानी पहुंच रहा है। कोविड के समय दुनिया को लग रहा था भारत के गांव इस महामारी से कैसे निपटेंगे लेकिन हमने हर गांव में आखरी व्यक्ति तक वैक्सीन पहुंचाई।