अमेरिका ने प्रोफेशनल्स के लिए H-1B वीजा की फीस करीब ₹6 लाख से बढ़ाकर ₹88 लाख कर दी है। इस बीच चीन ने नया ‘K-वीजा’ शुरू करने का ऐलान किया है।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक K-वीजा साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ (STEM) से जुड़े युवाओं और स्किल्ड प्रोफेशनल्स के लिए है। यह 1 अक्टूबर, 2025 से जारी होगा।
इन सब्जेक्ट्स में रिसर्च कर रहे कैंडिडेट भी K-वीजा के लिए आवेदन कर सकेंगे। खास बात यह है कि चीनी कंपनी से नौकरी का ऑफर न होने पर भी इस वीजा के लिए आवेदन कर सकेंगे।
अमेरिका ने 21 सितंबर से H-1B वीजा फीस बढ़ा दी है। इससे प्रोफेशनल्स को अमेरिका जाने में मुश्किलें होंगी। ऐसे में चीन के K-वीजा को H-1B का विकल्प माना जा रहा है।
इस बीच ब्रिटेन भी हाई स्किल्ड लोगों के लिए वीजा फीस खत्म करने पर विचार कर रहा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों ने दुनिया के टॉप 5 यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की है या फिर कोई बड़ा इंटरनेशनल अवार्ड जीता है, उनकी पूरी वीजा फीस माफ हो जाएगी।
फिलहाल, ब्रिटेन के ग्लोबल टैलेंट वीजा की आवेदन फीस 766 पाउंड (करीब 90 हजार) है। 26 नवंबर के बजट से पहले इसे खत्म करने का ऐलान हो सकता है।
चीन अभी 12 तरह के वीजा जारी करता है। अभी चीन में काम करने के लिए R-वीजा या Z-वीजा का इस्तेमाल किया जाता है। Z-वीजा की वैधता 1 साल की है। जबकि R-वीजा में ठहरने के लिए सिर्फ 180 दिन मिलते हैं। R वीजा के लिए कोई फीस नहीं लगती, लेकिन इसकी आवेदन प्रक्रिया लंबी और पेचीदा है। इसलिए यह सफल नहीं हो पाया।
वहीं, K वीजा में विदेशियों को ज्यादा समय तक चीन में रहने की सुविधा मिलेगी। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि यह कितने समय के लिए होगी। K-वीजा में कुछ ऐसी सुविधाएं दी गई हैं, जो अभी चल रहे Z वीजा में नहीं है। Z वीजा वाला विदेशी व्यक्ति अगर चीन में काम करना चाहता है, तो उसे पहले किसी चीनी कंपनी या संस्था से नौकरी का प्रस्ताव या स्पॉन्सरशिप चाहिए होती है।
लेकिन K-वीजा में यह नियम नहीं है। इसमें आवेदक को किसी स्थानीय कंपनी की जरूरत नहीं है। बस उसकी योग्यता, जैसे आयु, शिक्षा और काम का अनुभव देखा जाएगा। इससे विदेशी पेशेवरों के लिए आवेदन करना आसान हो जाएगा।
अलग-अलग देशों के लिए K-वीजा से जुड़ी डिटेल जानकारी चीनी दूतावास और कॉन्सुलेट जारी करेंगे। चीन सरकार ने अगस्त में इस फैसले को मंजूरी दी थी।

