बरेली में जुमे पर ‘आई लव मोहम्मद’ को लेकर हुए बवाल पर सीएम योगी ने कहा- अराजकता कतई स्वीकार नहीं है। बिना मांगे जहन्नुम का टिकट कटवा देंगे। लातों के भूत बातों से नहीं मानते। इनको लगता है कि सरकार अब भी झुककर काम करेगी, लेकिन अब दुस्साहस करोगे तो वैसे ही पिटोगे, जैसे बरेली में पीटे गए।
इन मूर्खों को पता नहीं कि आस्था को प्यार नहीं, सम्मान दिया जाता है। जिन बच्चों के हाथों में कलम होनी चाहिए, उनके हाथों में ‘आई लव मोहम्मद’ का पोस्टर देकर अराजकता फैला रहे हैं।उनकी जिंदगी तो बर्बाद है ही, उन बच्चों की भी बर्बाद कर रहे।
सीएम ने बलरामपुर में रविवार को ये बातें कहीं। उन्होंने यहां 825 करोड़ रुपए की 124 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास किया। इससे पहले योगी ने शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर में आदिशक्ति मां पाटेश्वरी के दर्शन किए। इस दौरान बच्चों को देखकर उनके पास पहुंचे। हाल-चाल जाना, चॉकलेट दी। इसके बाद सीएम ने गौशाला में गायों को चारा और गुड़ खिलाया।
कुछ लोग भारत में रहते हैं, मगर गजवा-ए-हिंद का नारा देकर देश-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। गजवा-ए-हिंद भारत की धरती पर नहीं होगा। यह धरती महापुरुषों की भूमि है। यह देश उन महापुरुषों के आदर्शों पर चलता है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। गजवा-ए-हिंद की कल्पना की तो जहन्नुम का टिकट बन जाएगा। छद्म रूप में भी जो लोग ऐसी गतिविधियों में लिप्त हैं, वे कान खोलकर सुन लें, देर-सवेर उनका भी धर्मांतरण के मास्टरमाइंड छांगुर जैसे हाल होगा।
योगी ने कहा- जलालुद्दीन ने अपना नाम छांगुर बाबा रख लिया था। इससे वह हिंदू समाज की आंखों में धूल झोंक रहा था। पापी कितना भी अपने पाप छिपाने का प्रयास करे, पाप का घड़ा भरना ही है। ऐसे लोगों को धरती माता कभी बर्दाश्त नहीं कर पाएंगी। हमें ऐसे लोगों से सतर्क रहना होगा।
एक तरफ विकास लगातार हो रहा है, दूसरी तरफ कुछ ऐसे तत्व हैं जो विकास में बाधा डाल रहे हैं। वे त्योहारों में व्यवधान उत्पन्न करना चाहते हैं और अराजकता को अपना जन्मसिद्ध अधिकार मानते हैं। मैं उन्हें चेतावनी देता हूं कि अगर आप विकास में बाधा बनेंगे तो मानकर चलिए यही विकास सबसे पहले आपके विनाश का कारण बनेगा।
पिछले आठ साल में कुछ नहीं कर पाए, अब नए तौर-तरीके अपना रहे हैं, जितना सोचते हैं, उसकी तुलना में हमारी तैयारी ज्यादा है। अगर त्योहारों में व्यवधान उत्पन्न करने का प्रयास किया गया तो इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। यह उनकी आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी।
जो लोग मानते हैं कि अराजकता उनका जन्मसिद्ध अधिकार है। वो समय गया, जब सपा- कांग्रेस की सरकारें थीं, अब सीधे नरक में जाओगे।

