सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आजम खान के जेल से छूटने के बाद पहली बार मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में 2 घंटे तक बातचीत चली। इस दौरान आजम की पत्नी और बेटे भी मौजूद नहीं थे।
बाहर निकलने पर अखिलेश ने कहा- आजम साहब बहुत पुराने नेता हैं। उनका गहरा साया हमेशा हमारे साथ रहा है। आजम खान हमारी पार्टी का दरख्त (पेड़) हैं। आजम परिवार पर भाजपा केस करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना चाहती है। यह बड़ी लड़ाई है और उसमें हम सब मिलकर लड़ेंगे।
इससे पहले, सपा प्रमुख को आजम ने खुद रिसीव किया। इसके बाद अखिलेश और आजम एक ही कार में बैठकर घर पहुंचे। अखिलेश बुधवार सुबह साढ़े 11 बजे लखनऊ से निजी विमान से रामपुर के लिए रवाना हुए। वह पहले बरेली एयरपोर्ट पर पहुंचे। यहां से हेलिकॉप्टर से दोपहर 12:45 बजे रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी में लैंड हुए।
इधर, आजम की नाराजगी के चलते अखिलेश ने रामपुर से सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को बरेली में ही छोड़ दिया। दरअसल, आजम ने मंगलवार को कहा था- मैं सिर्फ अखिलेश से मिलूंगा, किसी और से नहीं। मैं रामपुर सांसद से वाकिफ नहीं हूं। मेरी उनसे कभी मुलाकात नहीं हुई।
23 सितंबर को आजम खान जेल से रिहा हुए थे। उस समय अखिलेश उन्हें रिसीव करने नहीं पहुंचे थे। तब आजम ने कहा था- हम कोई बड़े नेता नहीं हैं। अगर बड़े नेता होते, तो बड़ा नेता लेने आता। बड़ा, बड़े को लेने आता है।
अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद आजम खान फिर से अपने पुराने अंदाज में दिखे। एक बातचीत में आजम ने कहा- खूबसूरते हाल तो आज भी वही है, चलिए किस गली में चलेंगे। अब तो हमारे लिए मोहब्बतों का जुनून समंदर बन चुका है। क्योंकि, हम हर कसौटी पर कसे जा चुके हैं।
जब उनसे पूछा गया- इमरजेंसी और अब के वक्त में क्या अंतर हैं? तो उनका जवाब था- पहले आदमियत थी। अब हैवानियत भी नहीं है। शर्म आती है। आगे के प्लान के बारे में पूछने पर कहा- अभी यह तय करना है कि कौन अपना और कौन नहीं? मुझे उसके लिए कुछ वक्त चाहिए।
अखिलेश से मुलाकात पर आजम ने कहा- उस परिवार से दो जिंदगियां जुड़ी हैं। मेरी पूरी जिंदगी वहीं गुजर गई। अब अगली नस्ल की जिंदगी भी वही जुड़ी है। रिश्तों की डोर इतनी मजबूत होनी ही चाहिए।
जब आजम से पूछा गया कि अखिलेश रामपुर सांसद को लेकर आए, लेकिन बरेली में ही छोड़ दिया? हेलिकॉप्टर में जगह नहीं थी या दिल में? इस पर आजम ने कहा- न हेलिकॉप्टर की बात है और न दिल की। मेरे पास अखिलेश का कार्यक्रम आया था। प्रशासन किसी दूसरे को आने की इजाजत नहीं दे रहा था। इसमें मेरी कोई खता नहीं। किसी और का कार्यक्रम होता, तो सिर आंखों पर। वो बड़े इमाम हैं। इतने बड़े हैं कि रामपुर वालों के न जानते-पहचानते हुए भी एमपी (सांसद) हो गए।
परिवार वालों की अखिलेश से मुलाकात पर आजम ने कहा- परिवार घर पर नहीं है। बीवी इलाज के लिए गई हैं। बेटा मुकदमों और अदालतों में व्यस्त है। तिनका-तिनका हो गया सब कुछ। उन्होंने यह भी कहा कि गिला होता, तो शिकवा होता। होता तो बचा होता।

