सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व IAS ऑफिसर पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर 14 फरवरी तक रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की और दिल्ली हाईकोर्ट का 23 दिसंबर का आदेश पलट दिया।
कोर्ट में पूजा की ओर से पेश वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा- हाईकोर्ट के आदेश में कुछ ऐसी टिप्पणी है, जिसके कारण अगर ट्रायल शुरू हुआ तो पूजा पर दोष सिद्ध हो सकते हैं। इस पर जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने UPSC और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने कहा की मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।
दरअसल, पूजा पर UPSC एग्जाम में धोखाधड़ी और OBC और विकलांगता कोटे का गलत तरीके से फायदा लेने का आरोप है। UPSC की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज किया था।
पूजा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 1 अगस्त को पूजा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद पूजा दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचीं, जहां 23 दिसंबर को पूजा की जमानत याचिका खारिज हो गई थी।
UPSC ने मामला वापस लिया, नया केस दायर करेगी
UPSC ने झूठी गवाही का केस वापस ले लिया और कहा कि वह अलग से केस दायर करेगी। UPSC ने पूजा पर जस्टिस सिस्टम में हेरफेर की कोशिश करने और गलत हलफनामा देकर झूठी गवाही देने का भी आरोप लगाया है।
UPSC ने कहा- पूजा ने झूठा दावा किया कि आयोग ने उनका बायोमेट्रिक डेटा (आंखों और उंगलियों के निशान) इकट्ठा किया। यह कोर्ट को धोखा देकर अपने फेवर में ऑर्डर लेने के लिए किया गया था।
आयोग ने उनके निजी परीक्षण के दौरान कोई बायोमेट्रिक डेटा नहीं लिया और न ही इसके आधार पर वैरिफिकेशन की कोशिश की। आयोग ने अब तक किसी भी उम्मीदवार का बायोमेट्रिक डेटा नहीं लिया है।
पूजा ने हाईकोर्ट में यह दावा भी किया था कि उन्हें उनकी उम्मीदवारी रद्द करने का उन्हें कोई आदेश नहीं मिला। जबकि UPSC का कहना है कि उनके रजिस्टर्ड मेल आईडी पर सूचित किया गया था। UPSC ने इस मामले में भी FIR की है।