10 दिन के दौरे पर चीन पहुंचे पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने रविवार को चेंगदू स्थित चीन के एविएशन इंडस्ट्री कॉम्पलेक्स का दौरा किया। पाकिस्तानी अखबार द डॉन के मुताबिक जरदारी इस जगह का दौरा करने वाले पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष हैं। इस मौके पर उनके बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी और बेटी असीफा भुट्टो-जरदारी भी मौजूद थे।
जरदारी ने कंपनी के इंजीनियरों और वैज्ञानिकों से मुलाकात की और चीन निर्मित विमानों की क्षमताओं की सराहना की। इस दौरान जरदारी ने कॉम्पलेक्स में J-10 और JF-17 थंडर विमानों के बनने की प्रक्रिया को समझा। इसके अलावा उन्होंने पांचवीं पीढ़ी के J-20 स्टील्थ लड़ाकू विमान के बारे में भी जानकारी ली।
जरदारी ने कहा कि J-10 और JF-17 ने पाकिस्तानी वायु सेना को मजबूत किया है और भारत के खिलाफ ये विमान पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण साबित हुए। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान और चीन रक्षा उत्पादन और विमानन में सहयोग का विस्तार करना जारी रखेंगे।
जरदारी ने चीन की हाई-स्पीड ट्रेन का भी अनुभव लिया। वह चेंगदू से मियांयांग तक आधे घंटे की ट्रेन यात्रा पर गए। यात्रा के दौरान उन्होंने चीन की ट्रांसपोर्ट सिस्टम की तारीफ की। उन्होंने पॉल्यूशन फ्री इलेक्ट्रिक ट्रेन इंजन और भूकंप पूर्व चेतावनी तकनीकों को ‘रेलवे इंजीनियरिंग का चमत्कार’ बताया।
चीनी अधिकारियों ने जरदारी को बताया कि चीन के पास दुनिया का सबसे बड़ा हाई-स्पीड रेल नेटवर्क है, जिसकी लंबाई 45,000 किलोमीटर से ज्यादा है। यहां ट्रेनें 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं और हर साल दो अरब से ज्यादा यात्रियों को ले जाती हैं। यह नेटवर्क लगभग सभी बड़े चीनी शहरों को जोड़ता है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का चीन दौरा शुक्रवार से शुरू हुआ। पाक विदेश मंत्रालय का कहना है कि जरदारी के दौरे का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। इसमें चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का विकास शामिल है।
अपने इस दौरे में जरदारी चीन के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। दोनों देशों के बीच खासकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) पर बातचीत होगी। यह 64 अरब डॉलर का बड़ा बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट है, जो चीन के शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है।
पाकिस्तान और चीन के रिश्ते 1950 से चले आ रहे हैं, जब दोनों देशों ने राजनयिक संबंध बनाए थे। तभी से दोनों ने अपने संबंधों को ‘सदाबहार रणनीतिक सहयोगात्मक साझेदारी’ का नाम दिया है। इस यात्रा में इस साझेदारी को और आगे बढ़ाने की कोशिश की जाएगी।
चेंगदू के बाद जरदारी शंघाई और शिनजियांग भी जाएंगे। चीन अब पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता बन चुका है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच व्यापार भी तेजी से बढ़ा है और 2024 में यह 23 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया था।

