Hindi Grammar – हिंदी व्याकरण हिंदी भाषा का वह अध्ययन है जो हमें शुद्ध और सही तरीके से हिंदी पढ़ना, लिखना, बोलना और समझना सिखाता है। हिंदी भाषा बोलने, सीखने या लिखने के लिए हिंदी व्याकरण का सही ज्ञान होना बहुत जरूरी है। हिंदी व्याकरण हिंदी भाषा अध्ययन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
हिन्दी व्याकरण, हिन्दी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने संबंधी नियमों का बोध करानेवाला शास्त्र है। यह हिन्दी भाषा के अध्ययन का महत्त्वपूर्ण अंग है हिन्दी व्याकरण ज्ञान की प्रवेशिका है। आशा है कि पाठकगण इसका समुचित लाभ उठा पायेंगे।
Hindi Grammar – हिन्दी व्याकरण –
हम व्याकरण के नियमों को जानकर ही भाषा का सही प्रयोग कर सकते हैं। इससे बोलने और लिखने में गलती नहीं होगी। इससे हम अपनी बात को अधिक साफ और सरल ढंग से कह सकेंगे। भाषा के तीन अंग हैं ध्वनि, शब्द या पद, तथा वाक्य । इन सबके बारे में अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लेना जरूरी है। हर ध्वनि का उच्चारण कैसे और कहाँ से होता है, यह ठीक-ठीक जान लें ताकि उसका उच्चारण आप शुद्ध रूप से कर सकें । इसी प्रकार प्रत्येक वर्ण और अक्षर आप शुद्ध रूप से कर सकें। विशेष रूप से मात्राओं और संयुक्त व्यंजनों को शुद्ध लिखना जरूरी है। आपकी हस्तलिपि सुन्दर हो, इसकी कोशिश करें । चन्द्रबिंदु और अनुस्वार का सही प्रयोग करें। कई शब्दों में अनुस्वार का उपयोग होता है, इसका ख्याल रखें।
हिंदी में निम्न ध्वनियों का उच्चारण ठीक से सीखना जरूरी है – ऋ, ऐ, औ, ज, य, ब, व, ल, श, ष, स, क्ष, ज्ञ आदि ।
खास बात यह है कि अनेक ध्वनियों का उच्चारण ओड़िआ उच्चारण से भिन्न है। इसे ठीक से समझ लेना चाहिए। ऐसा प्रयत्न करें कि हमारी बोली और लिखित भाषा स्वाभाविक लगे ।
Hindi grammar Hindi Vyakaran PDF
1. भाषा – व्याकरण एवं लिपि का परिचय
2. वर्ण – विचार एवं आक्षरिक खंड
3. शब्द विचार (क)
4. शब्द विचार (ख)
5. पद – परिचय
6. शब्द शक्तियाँ
7. शब्द रूपान्तरण
8. सन्धि
9. समास
10. उपसर्ग, प्रत्यय (कृदंत, तद्धित)
11. वाक्य विचार
12. अर्थ-विचार
14. शुद्धिकरण (शब्द एवं वाक्य)