दिल्ली सचिवालय में शनिवार को जमकर सियासी ड्रामा चला। दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (DTC) के 10 हजार बस मार्शल की बहाली और उनको परमानेंट करने की मांग को लेकर भाजपा ने सचिवालय में CM आतिशी से मुलाकात की।
भाजपा की मांग पर आतिशी ने इमरजेंसी कैबिनेट मीटिंग बुलाई। इसमें बस मार्शल को रेगूलराइज करने का दिल्ली विधानसभा का रेजोल्यूशन साइन किया। AAP ने भाजपा से रेजोल्यूशन पर साइन कराने के लिए LG ऑफिस चलने का कहा।
सचिवालय के बाहर विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता LG ऑफिस जाने में आनाकानी करते दिखे। इस पर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और अन्य विधायकों ने विजेंद्र के पैर पकड़ लिए।
वहीं, CM आतिशी विजेंद्र की कार में जाकर बैठ गईं। आतिशी ने कहा कि भाजपा ने LG से कैबिनेट नोट पास करने का नहीं कहा।
दरअसल, DTC के लगभग 10 हजार मार्शलों को 11 अक्टूबर 2023 को तत्कालीन सीएम केजरीवाल ने नौकरी से निकाला था। डीटीसी कर्मचारी खुद की बहाली की मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं।
आतिशी बोलीं- गेंद बीजेपी के पाले में सीएम आतिशी ने कहा- बीजेपी विधायक दल ने शुक्रवार को मुझसे मिलने का समय मांगा था। आज सुबह साढ़े दस बजे से दिल्ली सचिवालय में बैठा हुआ था।
उन्होंने कहा कि हमने उनको काफी डिटेल में सर्विसेस मेटर समझाया। इसमें भर्ती करना, बस मार्शल को परमानेंट करना, रेग्यूलराइज करना शामिल है। ये सारे सर्विस मैटर के अधिकार LG सक्सेना और केंद्र सरकार के पास हैं।
हमने कैबिनेट की इमरजेंसी मीटिंग में प्रस्ताव पास किया है। अब आगे का काम बीजेपी को LG से कराना है। अब गेंद बीजेपी के पाले में है। लेकिन वो राजनीति कर रही है और बस मार्शल को भड़काने का काम कर रही है।
बस मार्शलों की बहाली में AAP नौटंकी कर रही विजेंद्र गुप्ता ने AAP सरकार पर आरोप लगाया है कि डीटीसी के 10 हजार मार्शलों की नौकरी बहाल करने में AAP नौटंकी कर रही है। इन युवाओं के अरमानों को कुचल कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
उन्होंने कहा कि दस हजार मार्शलों को नौकरी पर बहाल करने के लिए जो भी जरूरी है वह किया जाए, बीजेपी विधायक दल अपना पूरा सहयोग देने को तैयार है।
बीजेपी का आरोप है कि गेस्ट टीचर्स, संविदा पर रखे गए कर्मचारी, डॉक्टर व अन्य के साथ किए गए वादे पूरे नहीं किए गए। उन्हें समय पर वेतन भी नहीं दिया जाता है। बस मार्शलों की तैनाती के समय अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं दिया गया था।