Prithla : सितंबर। पृथला विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पृथला एवं पूर्व विधायक रघुबीर सिंह तेवतिया ने भाजपा सरकार पर ग्रामीण विकास के साथ भेदभावपूर्ण नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दस सालों में पूर्णरूप से देहात पृष्ठभूमि के क्षेत्र पृथला के साथ विकास व रोजगार के मामले में भेदभावपूर्ण नीति अपनाई गई है। यही कारण रहा है कि यह क्षेत्र विकास व रोजगार के मामले में पूरी तरह से पिछड गया है। इसलिए अब समय आ गया है कि जब ऐसे दोमुंही राजनेताओं को वोट की चोट से सबक सिखाएं।
उन्होंने लोगों को आश्वास्त किया कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनना तय है और अगर लोगों ने उन्हें विधायक बनाकर विधानसभा में भेजा तो सरकार बनते ही फिर से पृथला क्षेत्र को विकास, रोजगार व भाईचारे की भावना को बढाते हुए यहां ईमारनदारी से जनसेवा की जाएगी। कांग्रेस प्रत्याशी तेवतिया बुधवार को अपने चुनावी अभियान के तहत पृथला क्षेत्र के गांव नयागांव, बढऱाम, गोपीखेडा, जल्हाका, अमरपुर, डाढौता, कटेसरा व कुरारा आदि एक दर्जन गावों में आयोजित चुनावी जनसभाओं को संबोधित कर रहे थे। सभा में जुटी भारी भीड ने चुनावी सभाओं को ही रैली का रूप दे दिया। इस मौके पर उनका फूलमालाओं व पगडी बांधकर स्वागत और सम्मान कर विजयी आर्शीवाद दिया।
कांग्रेस प्रत्याशी रघुबीर तेवतिया ने कहा कि असली भारत गावों में ही बसता है और इसी सोच को सार्थक करते हुए कांग्रेस पार्टी ने सदां गावों का विकास भी शहरी तर्ज पर किया था। और ग्रामीण आंचल को भी विकास की मुख्यधारा से जोडने का काम किया था। सन 2009 से 2014 तक का कांग्रेस कार्यकाल इस बात का प्रमाण है कि पृथला क्षेत्र को विकास व रोजगार में अव्वल रखकर गांवों में लोगों को शहरों की तर्ज पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गईं। लेकिन पिछले दस सालों में इस पृथला क्षेत्र को सिवाय भ्रष्टाचार, झूठे वायदे और दोगलापन, जाति-धर्म की बात कह लोगों को बांटना और पोर्टलों में ही उलझाकर रखा गया।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भाजपा को वोट की ताकत का अहसास कराकर अंहकार को करारा जवाब दिया जाए। उन्होंने कहा कि आने वाला समय पृथला सहित प्रदेश की दशा और दिशा बदलने वाला है क्योंकि लोगों ने हरियाणा में भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के पक्ष में बदलाव करने का पक्का मन लिया है। पृथला क्षेत्र में चुनावी सभाओं में लोगों की हाजरी बता रही है कि भाजपा जा रही है और कांग्रेस आ रही है। इस जरूरत है तो अपने जोश और उत्साह को और अधिक बढाकर प्रचार व प्रसार में जुटने की।