Faridabad / सिविल डिफेंस विभाग के द्वारा आज भाटिया सेवक समाज में सिविल डिफेंस और होमगार्ड के स्थापना दिवस के सप्ताह के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें भाटिया सेवक समाज के प्रधान सरदार मोहन सिंह भाटिया ने कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की तथा सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन और आपदा प्रबंधन के विषय विशेषज्ञ डॉ एमपी सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर डिप्टी चीफ वार्डन बी डी भाटिया ने सेंटर कमांडर रतन वीर बाली का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। इस अवसर पर डॉ एमपी सिंह ने बताया कि भारत में 6 दिसंबर 1968 को सिविल डिफेंस एक्ट लागू हुआ था ताकि सिविल डिफेंस के स्वयंसेवक पुलिस विभाग और जिला प्रशासन के साथ मिलकर निष्काम सेवा कर सके।
उन्होंने कहा कि उस समय हवाई हमले हुआ करते थे जिसमें अधिकतर लोगों की जान के साथ-साथ घर मकान दुकान का भी नुकसान हो जाता था इसलिए घायलों की जान बचाने का प्रशिक्षण देने और नुकसान को कम करने हेतु सिविल डिफेंस की स्थापना की गई थी। सिविल डिफेंस में सबसे पहले स्वयं सेवकों की भरती की जाती है फिर उनका प्रशिक्षण होता है फिर पास होने वाले विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट प्रदान किये जाते है और फिर आई कार्ड और वर्दी प्रदान कर दी जाती है ताकि आपातकालीन स्थितियों में वह अपनी सेवाएं प्रशासन को दे सके।
इस कड़ी में आज भाटिया सेवक समाज में 50 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया इस अवसर पर भारतीय सेवक समाज के उप प्रधान राधेश्याम भाटिया, सिविल डिफेंस ब्रिगेड के कप्तान गांधी के अलावा सिविल डिफेंस विभाग से राहुल, सुमित, रवि कुमार, हसीन खान आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
इस अवसर पर सरदार मोहन सिंह भाटिया और बी भाटिया ने बताया कि हमने चंडीगढ़ में आज से 40 साल पहले यह प्रशिक्षण प्राप्त किया था और कई बार दिल्ली और फरीदाबाद में भी प्रशिक्षण प्राप्त किया है यह सभी के लिए बहुत जरूरी है अधिक से अधिक लोगों को सिविल डिफेंस से जुड़ना चाहिए और सिविल डिफेंस का स्वयं सेवक बनकर निस्वार्थ सेवा करनी चाहिए।
इस अवसर पर डॉ एमपी सिंह, रतन वीर बाली, गिरीश , जोगेन्द्र, ने टू हैन्ड सीट, फोर हैन्ड सीट, स्ट्रेचर ड्रिल ब्लैंकेट लिफ्ट, एंबुलेंस में लोडिंग और अनलोडिंग और सड़क सुरक्षा तथा प्राथमिक सहायता के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देकर पूर्वाभ्यास कराया। इस अवसर पर बीएसएस हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम और स्टाफ नर्स भी मौजूद रहे।