सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम (MCD) की स्टैंडिंग कमेटी के छठे सदस्य की चुनाव प्रक्रिया पर आपत्ति जताई। कोर्ट ने उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना के MCD एक्ट की धारा 487 का इस्तेमाल पर भी सवाल उठाया।
कोर्ट ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में LG के दखल देने और मेयर शैली ओबेरॉय को नजरअंदाज करने पर भी प्रश्न उठाया। जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने LG की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट संजय जैन से पूछा-
कोर्ट ने चुनाव को चुनौती देने वाली ओबेरॉय की याचिका पर नोटिस जारी किया। साथ ही कहा कि दो सप्ताह बाद याचिका पर सुनवाई होने तक स्टैंडिंग कमेटी अध्यक्ष के चुनाव न कराए जाएं। अगर चुनाव कराते हैं तो हम इसे गंभीरता से लेंगे।
चुनाव में BJP कैंडिडेट की जीत, कांग्रेस-AAP का बहिष्कार
MCD की स्टैंडिंग कमेटी की अंतिम खाली सीट के लिए 27 सितंबर को वोटिंग हुई। भाजपा कैंडिडेट सुंदर सिंह को पार्टी पार्षदों के सभी 115 वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) की निर्मला कुमारी को कोई वोट नहीं मिला। दरअसल, कांग्रेस और AAP ने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था।
इस जीत के साथ MCD की 18 सदस्यीय कमेटी में भाजपा के 10 मेंबर्स हो गए। जबकि, AAP के केवल 8 सदस्य हैं, जिस सीट पर चुनाव हुआ वह भाजपा नेता कमलजीत सहरावत के पश्चिमी दिल्ली से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई थी।
आम आदमी पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार क्यों किया
चुनाव 26 सितंबर को होना था। उस दिन जब पार्षद MCD पहुंचे तो उनकी तलाशी ली गई। इसके बाद हंगामा हो गया। पार्षदों की चेकिंग इसलिए की गई थी ताकि कोई मोबाइल अंदर न ले जा सके। मेयर शैली ओबेरॉय जब सदन में दाखिल हुईं तो उन्होंने पार्षदों की सुरक्षा जांच पर चिंता जताई थी।
उन्होंने दावा किया था कि ऐसा MCD के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है। हंगामे के बाद मेयर शैली ओबेरॉय ने इलेक्शन 5 अक्टूबर को कराने के आदेश दिए, लेकिन LG वीके सक्सेना ने उनका फैसला पलट दिया।
26 सितंबर की देर रात तक चले सियासी ड्रामे के बाद LG ने MCD एक्ट की धारा 487 के तहत निगम कमिश्नर अश्विनी कुमार को 27 सितंबर दोपहर एक बजे चुनाव कराने का निर्देश दिया था।
चुनाव को लेकर मेयर ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
इसे लेकर MCD मेयर शैली ओबेरॉय ने 1 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा कि चुनाव प्रक्रिया असंवैधानिक और निर्वाचित प्रतिनिधियों के अधिकारों का खुला उल्लंघन है।
MCD प्रोसीजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस रेग्युलेशन, 1958 के नियम 51 का संदर्भ देते हुए कहा गया कि स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव मेयर की अध्यक्षता में निगम की बैठक में होना चाहिए।
इसके अलावा नियम 3 (2) के अनुसार ऐसी बैठक की तारीख, समय और जगह केवल मेयर ही तय कर सकता है। वहीं, MCD Act की धारा 76 कहती है कि इन बैठकों की अध्यक्षता मेयर या उनकी अनुपस्थिति में डिप्टी मेयर करेगा।
हालांकि, चुनाव कराने के निर्देश LG ने दिए थे। इसके लिए एडिशनल कमिश्नर जितेंद्र यादव ने बैठक बुलाई और चुनाव कराए थे।