जिला के शिक्षण संस्थानों में कोटपा के नियमों की पूरी पालना हो सुनिश्चित : डीसी विक्रम

जिला के शिक्षण संस्थानों में कोटपा के नियमों की पूरी पालना हो सुनिश्चित : डीसी विक्रम
जिला के शिक्षण संस्थानों में कोटपा के नियमों की पूरी पालना हो सुनिश्चित : डीसी विक्रम

फरीदाबाद, 21 सितम्बर। डीसी विक्रम ने कहा कि जिला में धूम्रपान निषेध ऑफ का अधिनियम के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने हुए और सिगरेट की खुली बिक्री पर पूर्णतया प्रतिबंध है। यदि कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ अनुसार आता अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए। डीसी ने कहा कि सिगरेट एवं अन्य तंबाकू प्रोडक्ट्स एक्ट (कोटपा) 2003 के तहत कैद/जुर्माना लगाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीने पर और कोपटा के नियमों का उल्लंघन करने पर प्रति उल्लंघन 200 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।

नियमानुसार होटल, रेलवे स्टेशन, राजकीय, नीजी कार्यालय, बस अड्डे, सिनेमा हॉल, विद्यालय, महा-विद्यालय आदि सभी सार्वजनिक स्थानों की सीमा के भीतर सार्वजनिक स्थान के स्वामी, प्रबंधक अथवा प्रभारी आदि द्वारा धूम्रपान नही होने देना चाहिए।

डीसी विक्रम आज बुधवार को लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में कोटपा की बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

डीसी विक्रम ने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला में सार्वजनिक स्थान पर सही आकार व संख्या में अधिनियम अनुसार ‘धूम्रपान मुक्त क्षेत्र’ के चेतावनी बोर्ड लगाना, मुख्य द्वार पर लगे चेतावनी बोर्ड पर नोडल अफसर का नाम, फोन नंबर लिखा होना जरूरी है।

सार्वजनिक स्थान पर ऐश-ट्रे, लाइटर, माचिस इत्यादि धूम्रपान के प्रमाण पाए जाने पर तथा कू उत्पादों का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष ढंग से बोर्ड, टीवी, प्रथम उल्लंघन करने पर 2 वर्ष के कारावास का प्रावधान किया गया है। किसी भी सार्वजनिक स्थानों पर पेम्पलेट, स्टीकर होर्डिंग इत्यादि द्वारा विज्ञापन करने पर 1000 रुपए तक जुर्माना तम्बाकू उत्पादों का प्रचार (Promotion) अधिनियम में शामिल है। यह उल्लंघन करने पर 5 वर्ष का कारावास तंबाकू कंपनियों से प्रयोजन/Sponsorship लेना भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि  कोपटा की हिदायतों के अनुसार 5000 रुपये की धनराशि तक का जुर्माना और तंबाकू उत्पाद बेचना तथा उससे बिकवाना प्रति उल्लंघन 200 रुपये तक धनराशि का प्रावधान किया गया है।

डिप्टी सिविल सर्जन एवं धूम्रपान निषेध अधिकारी डॉक्टर सुशील अहलावत ने बताया कि शैक्षणिक संस्थान के बाहर अधिनियम अनुसार चेतावनी बोर्ड न होना,उस तम्बाकू उत्पाद को बनाना या बेचना जिस पर अधिनियम निर्माता हेतु दण्ड अनुसार चित्र सहित स्वास्थ्य चेतावनी न छपी हो तो अप्रैल 2016 प्रथम बार 2 वर्ष तक की कैद सजा भी सुनाई गई थी।

इसके बाद सभी तम्बाकू उत्पादों के पैकेट पर दोनों तरफ होना जरूरी है। ऐसा ना पाया जाने पर अधिनियम के अनुसार 5000 रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि कोटपा की हिदायतों के अनुसार मुख्य भाग पर 85 प्रतिशत चित्र सहित स्वास्थ्य चेतावनी ना होने पर दो से 5 वर्ष तक की कैद हो सकती है या 10 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। खुली सिगरेट, बीड़ी अथवा अन्य तंबाकू उत्पाद बेचने पर विक्रेता को दण्ड प्रथम बार 1 वर्ष तक की कैद तथा/या 1000 रुपये तक जुर्माना शामिल है।

डॉक्टर सुशील अहलावत ने बताया कि इसी प्रकार 2 वर्ष तक की कैद द्वितीय बार की जा सकती है। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को नियमित रूप से न चलाने पर भी कानूनी प्रावधान है।

जुनाईल जस्टिस एक्ट (2015) (बाल न्याय अधिनियम

-2015) के अंतर्गत अव्याक को तंबाकू उत्पाद बेचने/पेश करने पर कार्यवाही करना। प्वाइजन एक्ट (विध अधिनियम) के अंतर्गत ई-सियेट व हुक्का बार पर कार्यवाही करना शामिल हैं। मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत  गाड़ी/वाहन चलाने पर में सिगरेट पीने पर कार्यवाही करना शामिल है।

कालाबाजारी के अंतर्गत तंबाकू विक्रेताओं पर नकेल कसना। भी खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम- 2006 में शामिल है।

कोटपा की जिला नोडल अधिकारी डॉ. सुशील अहलावत ने बताया कि फरीदाबाद में गत माह में भी लोगों के कोटपा के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर चालान काट कर उन से धनराशि वसूली गई है।

डॉक्टर सुशील अहलावत ने आगे बताया कि कि जिला फरीदाबाद के लिए तंबाकू निषेध केंद्र का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ विनय गुप्ता ने गत 14 फरवरी 2022 को पीएमओ नागरिक/ सिविल/बीके अस्पताल डॉ सविता यादव की भव्य उपस्थिति में किया था। इस केंद्र  जो लोग इस नशे की आदत को छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए यह बहुत मदद करेगा।  मदद मांगने वालों के लिए सिविल अस्पताल (कमरा नंबर 23) में एक काउंसलर उपलब्ध रहेगा।  ऐसे लोगों के लिए जल्द ही वर्निसिलिन जैसी दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।उन्होंने सभी अधिकारियों/प्रभारी से अनुरोध है कि जरूरतमंदों विशेषकर जो युवा हैं और धूम्रपान छोड़ने के इच्छुक हैं। उन्हें टीसीसी को भेजें। जहां एक ही छत के नीचे मानसिक और चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। यह जिला को तंबाकू मुक्त बनाने की दिशा में एक छलांग है और स्वस्थ जीवन की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह बताना भी एक अमूल्य क्षण है।

Deepak Sharma
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