फरीदाबाद। पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य ने अपने कार्यालय सेक्टर 21 के सभागार में जिले के तमाम डीसीपी व एसीपी के साथ क्राइम मीटिंग ली गई। मीटिंग में सबसे पहले पुलिस आयुक्त ने डीसीपी मेला अमित यशवर्धन सहित मेले में तैनात सभी अधिकारियों कर्मचारीयो को मेले के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इस बार पुलिस आयुक्त महोदय के कुशल मार्गदर्शन एवं डीसीपी मेला के नेतृत्व मे पिछले सालों के मुकाबले कम फोर्स में भी मेले के दौरान बेहतर सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था बनाए रखी।
सभी विभाग के साथ बेहतर समन्वय रह । इसके बाद मीटिंग में पुलिस आयुक्त ने अपराध व आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए की जाने वाली कार्यवाही के बारे चर्चा की। मीटिंग के दौरान अनेक विषयों तथा आपराधिक आंकड़ों की तुलनात्मक समीक्षा करते हुए सभी अधिकारियों को उचित कदम उठाने के निर्देश दिए।
इस अपराध समीक्षा मीटिंग में डीआईजी राजेश दुग्गल डीसीपी बल्लबगढ़, डीसीपी मुख्यालय अभिषेक जोरवाल, डीपीपी एनआईटी अमित यशवर्धन, डीसीपी क्राइम हेमेंद्र कुमार मीणा, डीसीपी सेंट्रल जसलीन कौर सहित सभी एसीपी मौजूद रहे।
आपराधिक गतिविधियों में शामिल अपराधियों पर रखी जाएगी पैनी नजर:
मीटिंग के दौरान पुलिस आयुक्त महोदय ने जघन्य अपराधों जैसे हत्या, स्नैचिंग, लूट, चोरी व किडनैपिंग जैसे गंभीर प्रवृत्ति के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए अपराधिक किस्म के व्यक्तियों पर निगरानी रखने तथा पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए।
पुलिस अधिकारी अपने-अपने जोन में नियुक्त ग्राम प्रहरी के कार्यों की समीक्षा करें तथा उनके कार्यों को और अधिक इफेक्टिव बनाएं ताकि वह अपने एरिया में होने वाले अपराधों और आपराधिक गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों पर निगरानी रखें तथा इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दे और सूचना के आधार पर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करें।
आपराधिक मामलों में शामिल पीओ, बेल जंपर पर निगरानी रखें। डीसीपी,एसीपी स्वयं चेकिंग पर निकलें और एसीपी थानों में जाकर जघन्य अपराधों की समीक्षा करें तथा अनुसंधान अधिकारियों को इस संबंध में उचित दिशा निर्देश दें।
कानून व्यवस्था ड्यूटी के लिए प्रत्येक जोन में बनाई जाएंगी तीन-तीन कंपनियां:
पुलिस आयुक्त ने सभी डीसीपी को जिले में कानूनी व्यवस्था कायम रखने के संबंध में अहम दिशा निर्देश देते हुए कहा कि कानून व्यवस्था के लिए प्रत्येक जोन में तीन-तीन कंपनियां तैयार की जाएं तथा उन्हें भीड़ नियंत्रण व कानून एवं व्यवस्था ड्यूटी हेतु आवश्यक प्रशिक्षण करवाया जाए और जरूरी इक्विपमेंट भी उपलब्ध करवाया जाए।
प्रत्येक सप्ताह पुलिस लाइन में प्रशिक्षण करवाया जाए ताकि कानून व्यवस्था ड्यूटी को बेहतर तरीके से किया जा सके। किसान आंदोलन के दौरान पुलिस कंपनियों को अलर्ट रखकर शांति व्यवस्था कायम रखें।