फरीदाबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर विजयादशमी का विशेष उत्सव अग्रवाल कॉलेज बल्लभगढ़ में बहुत ही गरिमामयी वातावरण में संपन्न हुआ। इस आयोजन में बड़ी संख्या में संघ के स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में, बड़ी संख्या में समाज के गणमान्य नागरिक तथा समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस अवसर पर अग्रवाल विद्या प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष देवेंदर गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में पधारे। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि किसी भी राष्ट्र की उन्नति में शिक्षा, अनुशाशन और संस्कारों का विशेष महत्व होता है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में ये सभी गुण भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पधारे संघ के विभाग संघचालक डॉ. अरविन्द सूद ने स्वयंसेवकों एवं उपस्थित गणमान्य नागरिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सेवा, समर्पण, समरसता और राष्ट्रनिष्ठा संघ का मूल मन्त्र रहा है।
हिन्दू जागरण एवं संगठन के माध्यम से भारत राष्ट्र को परम वैभव पर पहुंचाना ही संघ का मुख्य उद्देश्य रहा है। अपने इन्हीं गुणों और व्यवहार के बल पर संघ आज अपने स्थापना का शताब्दी वर्ष मना रहा है। सेक्टर 2 बल्लबगढ़ के अमेजिंग पार्क में भी विजयादशमी उत्सव बहुत गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। यहां पर बड़ी संख्या में संघ के स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में, गणमान्य नागरिक तथा समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों के साथ साथ बड़ी संख्या में मातृशक्ति भी उपस्थित रही । इस अवसर पर सेवानिवृत कर्नल विनोद धीमान जी मुख्य अतिथि के रूप में पधारे।
उन्होंने अपने उद्धोधन में कहा कि संगठन, अनुशासन और सेवा की भावना ही राष्ट्र को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाती है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में ये सभी गुण कूट कूट कर भरे हैं। मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग विद्यार्थी कार्य प्रमुख प्रो. विशाल जी ने विजयादशमी पर्व की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसे सत्य, धर्म और न्याय की विजय का प्रतीक बताया। उन्होंने संघ के कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा, संस्कार, पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता की दिशा में अधिक सक्रिय योगदान दें। उन्होंने कहा कि संघ का मानना है कि जागृत एवं संगठित हिन्दू समाज एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। इसके अतिरिक्त आज बल्लभगढ़ जिले के 12 गाँवों में भी विजयादशमी उत्सव मनाया गया। इन सभी स्थानों पर शस्त्र पूजन कर पथ संचलन का आयोजन किया गया। मार्ग अनेक स्थानों पर समाज के लोगों व माता बहिनों ने पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का उत्साह वर्धन किया।

